लेंस डेस्क। बीबीसी हिन्दी ने अपनी गहन पड़ताल के बाद जारी एक रिपोर्ट में बताया है कि इस साल प्रयागराज में हुए कुंभ में कम से कम 82 लोगों की मौत हुई थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक मृतक के बारे में यह कहा कि उनका कोई वारिस नहीं मिला, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वह शख्स भाजपा के पूर्व महासचिव और आरएसएस के पूर्व प्रचारक के एन गोंविदाचार्य के छोटे भाई के एन वासुदेवाचार्य थे!
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि भगदड़ में 37 लोगों की मौत हो गई। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 29 जनवरी, 2025 को मौनी अमवस्या के दिन प्रयागराज में भगदड़ की चार घटनाएं हुई थीं।
यह रिपोर्ट बताती है कि किस तरह से कुंभ की भगदड़ के बाद पूरे मामले में लीपापोती की गई। इससे यह भी पता चलता है कि किस तरह से पीड़ित परिवार प्रयागराज क्षेत्र में अपने परिजनों के शव के लिए भटकते रहे। योगी सरकार ने कुंभ के दौरान 100 करोड़ लोगों के प्रयागराज पहुंचने का न केवल अनुमान जताया था, बल्कि उसके लिए खासा प्रचार भी किया गया था। योगी सरकार ने आधिकारिक तौर पर दावा किया था कि कुंभ मेले में 66 करोड़ लोग पहुंचे थे। यह आंकड़ा देश की आबादी के आधे से थोड़ा ही कम है। 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चला कुंभ मेला करीब चार हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हुआ था। 45 दिन चले कुंभ मेले पर सरकार ने 7 हजार करोड़ रुपये खर्च किए।
बीबीसी के संवाददाताओं ने 11 राज्यों के 50 जिलों में जाकर पड़ताल कर ऐसे मृतकों के बारे में जानकारियां जुटाई जिनके नाम सरकार की सूची में शामिल नहीं थे। यही नहीं, उसके मुताबिक बीबीसी के संवाददाताओं ने ऐसे 26 परिवारों से भी मुलाकात की, जिन्हें पांच-पांच लाख रुपये कैश दिए गए, लेकिन उनके मृत परिजनों को सरकारी गिनती में शामिल नहीं किया गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 19 फरवरी को विधानसभा में बताया था कि “29 जनवरी की रात 1:10 से 1:30 बजे के बीच संगम नोज़ के पास भगदड़ मची थी। उनके अनुसार, 66 लोग इसकी चपेट में आए उन्हें तत्काल हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जिसमें से 30 शृद्धालुओं की मौत हुई है..30 में से 29 की पहचान हो गई।” रिपोर्ट के मुताबिक 36 ऐसे परिवार हैं, जिन्हें उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 25-25 लाख रुपये का मुआवजा मिला है।
बीबीसी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि “जो परिवार अपनी बात साबित करने के लिए पुख्ता सबूत नहीं दे सके, उन्हें बीबीसी ने 82 मृतकों की सूची में शामिल नहीं किया है।”
बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, “यह रिपोर्ट लिखे जाने तक उत्तर प्रदेश सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों की आधिकारिक सूची प्रकाशित नहीं की है।”
बीबीसी की इस रिपोर्ट पर कुंभ के व्यवस्थापकों में गहरा सन्नाटा है। thelen.in ने जब इस संबंध में प्रयागराज के कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर से बात करने की कोशिश की तो उनके नंबरों को उनके अधीनस्थों ने उठाया और बताया कि साहब बैठक में व्यस्त हैं। डीजीपी राजीव कृष्णा भी बैठक ले रहे थे। उनके जनसंपर्क अधिकारी ने अगले दिन बात करने को कहा। कुंभ के मेला अधिकारी, उप मेला अधिकारी के फोन पर घंटी जाती रही पर किसी ने फोन नहीं उठाया। प्रयागराज के कमिश्नर ने अपना नंबर किसी अन्य नंबर पर फारवर्ड कर रखा है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या से thelen.in संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन तीन दिन पहले तक उनका जो फोन नंबर काम कर रहा था, वह अब नहीं लग रहा है।