द लेंस डेस्क। (Greta Thunberg Detained) स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ग्रेटा थनबर्ग सहित 12 अन्य कार्यकर्ताओं को इजरायली सेना ने मैडलीन नामक जहाज के साथ हिरासत में ले लिया। ग्रेटा गाजा के लोगों के लिए मानवीय सहायता, जैसे दवाइयां, दूध, डायपर, पानी शुद्ध करने के उपकरण और खाद्य सामग्री लेकर इटली के सिसिली से 1 जून को रवाना हुई थीं।
इजरायली बलों ने 9 जून की सुबह समुद्र में उनकी नाव को रोककर सभी को हिरासत में ले लिया और जहाज को इजरायल की ओर मोड़ दिया। ग्रेटा ने एक वीडियो के जरिए अपने समर्थकों से सहायता की अपील की है।
इजरायल ने 2 मार्च से गाजा में राहत सामग्री के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिसके कारण वहां 20 लाख से अधिक लोग भुखमरी के कगार पर हैं, खासकर बच्चे जो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। कई बच्चों की भूख से मृत्यु की खबरें भी सामने आई हैं। इजरायल की सरकार ने इस नाकाबंदी को और सख्त करने की बात कही है, ताकि हमास को हथियारों की आपूर्ति रोकी जा सके। इजरायली रक्षा मंत्री इसराइल काट्ज ने पहले ही चेतावनी दी थी कि ग्रेटा और अन्य कार्यकर्ताओं को गाजा पहुंचने नहीं दिया जाएगा।
यह जहाज फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन के तहत गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने और इजरायल की नौसैनिक नाकाबंदी का विरोध करने के उद्देश्य से निकला था। नाव में फ्रांसीसी सांसद रीमा हसन भी सवार थीं, जो फिलिस्तीनी मूल की हैं और इजरायल की नीतियों का विरोध करने के कारण पहले ही इजरायल में प्रवेश से प्रतिबंधित हैं।
इजराइल ने क्या कहा
इजरायली विदेश मंत्रालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि नाव को सुरक्षित रूप से इजरायली तट की ओर ले जाया गया है और यात्रियों को उनके देश लौटने की अनुमति दी जाएगी। हालांकि, फ्रीडम फ्लोटिला गठबंधन ने दावा किया कि कार्यकर्ताओं को इजरायली बलों ने बंधक बनाया है। इजरायली जवानों ने सभी को हिरासत में लेने के बाद सभी के फोन बंद करा दिए थे।
इजराइल का कहना है कि समुद्री रास्ते से गाजा पट्टी तक हथियार पहुंचाए जाते हैं। इन हथियारों की सप्लाई को रोकने के लिए घेराबंदी की गई। ऐसे में इजराइली सेना के सैनिक मैडलीन शिप पर सवार हुए और वहां मौजूद सभी लोगों को फोन बंद करने के लिए कहा। इस समय तक शिप का कैप्टन संपर्क में था, जिसने कहा कि कोई भी व्यक्ति घायल नहीं हुआ है।
जानिए कौन हैं ग्रेटा थनबर्ग
ग्रेटा थनबर्ग 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन में अपने ‘हाऊ डेयर यू’ भाषण से विश्वभर में चर्चा में आई थीं। इस भाषण में उन्होंने जलवायु परिवर्तन को लेकर विश्व नेताओं की निष्क्रियता पर सवाल उठाए थे। उसी साल टाइम मैगजीन ने उन्हें ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ चुना।
2018 में 15 साल की उम्र में, ग्रेटा ने स्वीडन की संसद के बाहर ‘जलवायु के लिए स्कूल हड़ताल’ का पोस्टर लेकर अकेले प्रदर्शन शुरू किया था, जिससे ‘फ्राइडेज फॉर फ्यूचर’ आंदोलन की शुरुआत हुई। वह पर्यावरण संरक्षण के लिए मांसाहार से परहेज करती हैं और हवाई यात्रा से बचती हैं।