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लेंस रिपोर्ट

फार्मेसी काउंसिल : पदाधिकारियों ने अपने के भत्ते बढ़ा लिए और भरपाई के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क में कर दी भारी वृद्धि

Poonam Ritu Sen
Last updated: June 9, 2025 7:15 pm
Poonam Ritu Sen
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CG STATE PHARMACY COUNCIL
CG STATE PHARMACY COUNCIL
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रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल ( CG STATE PHARMACY COUNCIL )द्वारा पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क में भारी वृद्धि के फैसले ने फार्मासिस्ट समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है।काउंसिल के कुछ सदस्यों और डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन (DCDA) रायपुर ने इस कदम को अनुचित और फार्मासिस्टों पर आर्थिक बोझ डालने वाला बताया है और भूख हड़ताल की चेतावनी दी है।

खबर में खास
शुल्क वृद्धि और भत्तों में इजाफा: क्या है विवाद?प्रक्रियात्मक अनियमितताओं का आरोप, रजिस्ट्रार की नियुक्ति पर सवालDCDA का कड़ा रुख, कानूनी कार्रवाई की चेतावनीकाउंसिल की चुप्पी

शुल्क वृद्धि और भत्तों में इजाफा: क्या है विवाद?

8 मई 2025 को आयोजित काउंसिल की आम सभा में पंजीकरण और नवीनीकरण शुल्क को लगभग तीन गुना बढ़ाने का निर्णय लिया गया। पहले पंजीकरण शुल्क ₹2650 (5 वर्ष) और नवीनीकरण शुल्क ₹1550 (बिना जुर्माने) था, जो अब बढ़कर क्रमशः ₹8319 (छत्तीसगढ़ के छात्रों के लिए) और ₹11,859 (अन्य राज्यों के लिए) हो गया है। नवीनीकरण शुल्क अब बिना जुर्माने ₹4602 और जुर्माने सहित ₹8732 हो गया है।

इसके अलावा प्रमुख मुद्दा ये रहा कि इसी बैठक में काउंसिल ने अपने सदस्यों और अध्यक्ष के दैनिक भत्ते को दोगुना कर ₹1500 प्रतिदिन कर दिया, यानी अध्यक्ष अब सिटींग चार्जेज लेंगे,इस मुद्दे को लेकर काउंसिल के निर्वाचित सदस्य भगत राम शर्मा और पदेन सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य सचिव को शिकायत दर्ज की है, साथ ही सात दिनों के भीतर शुल्क वृद्धि वापस न होने पर भूख हड़ताल की चेतावनी दी है। भगत राम शर्मा और डॉ. राकेश गुप्ता ने ये आरोप लगाया कि यह शुल्क वृद्धि काउंसिल के अधिकारियों के बढ़े हुए भत्तों और कार खर्चों की भरपाई के लिए की गई है।


प्रक्रियात्मक अनियमितताओं का आरोप, रजिस्ट्रार की नियुक्ति पर सवाल

इस विषय को लेकर द लेंस ने मेडिकल काउन्सिल के निर्वाचित सदस्य भगत राम शर्मा से बात की उन्होंने कहा, “यह शुल्क वृद्धि न केवल फार्मासिस्टों पर बोझ डाल रही है, बल्कि कुछ लोगों के निजी स्वार्थों को पूरा करने के लिए उठाया गया कदम है। यह गरीब फार्मासिस्टों के लिए अन्यायपूर्ण है।”

निर्वाचित सदस्य भगत राम शर्मा और मनोनीत सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ने काउंसिल की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। शर्मा ने बताया कि एजेंडा तय करने में पारदर्शिता की कमी थी और उनकी आपत्तियों को नजरअंदाज किया गया। बैठक में असहमति जताते हुए दोनों ने कुछ समय में वाकआउट भी किया। द लेंस को दिए बयान में शर्मा ने कहा, “काउंसिल ने बहुमत का दुरुपयोग किया और बिना हितधारकों के साथ चर्चा के यह निर्णय थोपा गया। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।”

इस पूरे मामले को समझने के दौरान ये बात भी सामने आयी कि काउंसिल के रजिस्ट्रार अश्वनी गुर्देकर की नियुक्ति भी नियमों के खिलाफ हुई है । शर्मा ने कहा, “नियमों के अनुसार, रजिस्ट्रार को रिटेल डॉक्टर और क्लास वन ऑफिसर होना चाहिए, लेकिन गुर्देकर तृतीय श्रेणी के सरकारी कर्मचारी हैं और मेकाहारा में स्टोर प्रभारी के रूप में कार्यरत हैं। बिना अनुमति के बाहरी काम करना नियमों का उल्लंघन है।” इस संबंध में साक्ष्य के साथ शिकायत दर्ज की गई है लेकिन इसके उलट शर्मा और गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछा गया कि उन्होंने शिकायत क्यों की। शर्मा ने इसे “दबाव की रणनीति” करार दिया।

DCDA का कड़ा रुख, कानूनी कार्रवाई की चेतावनी

द लेंस ने डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन DCDA रायपुर के अध्यक्ष विनय कृपलानी से बात की जिन्होंने शुल्क वृद्धि को “फार्मासिस्टों के खिलाफ साजिश” बताया। कृपलानी ने कहा, “यह अचानक और अनुचित वृद्धि फार्मासिस्टों खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए, भारी बोझ है। हमने काउंसिल अध्यक्ष को पत्र लिखकर शुल्क वापस लेने और फार्मासिस्ट संगठनों, ड्रग इंस्पेक्टरों के साथ परामर्श की मांग की है।”

निर्वाचित सदस्य भगत राम शर्मा और मनोनीत सदस्य डॉ राकेश गुप्ता ने सात दिनों के भीतर शुल्क वृद्धि वापस न होने पर भूख हड़ताल में जाने की चेतावनी दी है। गुप्ता ने द लेंस से कहा, “हमने स्वास्थ्य सचिव और मेडिकल काउंसिल को लिखित शिकायत दी है। यदि काउंसिल इस मुद्दे का समाधान नहीं करता, तो हम कानूनी रास्ता अपनाएंगे और फार्मासिस्टों के हितों की रक्षा करेंगे।” गुप्ता ने सभी फार्मासिस्टों से इस आंदोलन में शामिल होने की अपील भी की।

काउंसिल की चुप्पी

काउंसिल के अध्यक्ष अरुण कुमार मिश्रा और रजिस्ट्रार अश्वनी गुरदेकर ने अभी तक इस मुद्दे पर सार्वजनिक बयान नहीं दिया है। हालांकि बैठक के मिनट्स के अनुसार, शुल्क वृद्धि को बहुमत से मंजूरी दी गई थी जिसमें उपाध्यक्ष राहुल तिवारी और अन्य सदस्यों ने समर्थन किया। काउंसिल ने यह भी दावा किया कि शुल्क वृद्धि रखरखाव और विकास कार्यों के लिए आवश्यक है।

यह मामला अब स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री के समक्ष है जिनसे फार्मासिस्ट समुदाय को त्वरित हस्तक्षेप की उम्मीद है। यदि काउंसिल सात दिनों के भीतर शुल्क वृद्धि को वापस नहीं लेता तो भूख हड़ताल और कानूनी कार्रवाई के साथ यह विरोध और तेज हो सकता है। द लेंस इस मामले पर नजर रखेगा और आगे की अपडेट्स देता रहेगा ।

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ByPoonam Ritu Sen
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पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
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