द लेंस डेस्क। भारत के लिए एक गर्व का पल आने वाला है! भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 10 जून 2025 को Axiom-4 (Ax-4) मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ेगा क्योंकि 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुभांशु पहले भारतीय होंगे जो अंतरिक्ष में कदम रखेंगे।

मिशन पायलटहैं शुभांशु, SpaceX फाल्कन-9 कैनेडी सेंटर से लॉन्च
Axiom-4 एक कमर्शियल मिशन है जिसे अमेरिकी कंपनी Axiom Space और SpaceX मिलकर संचालित कर रहे हैं। शुभांशु इस मिशन में पायलट की भूमिका निभाएंगे और उनके साथ तीन अन्य अंतरिक्ष यात्री होंगे: मिशन कमांडर पेगी व्हिटसन (अमेरिका), टिबोर कपु (हंगरी), और स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की (पोलैंड)। यह दल SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए अमेरिका के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा।

लॉन्च का समय 10 जून 2025 को सुबह 8:22 बजे EDT (भारतीय समयानुसार शाम 5:52 बजे) निर्धारित है। अंतरिक्ष यान लगभग 28 घंटे बाद, 11 जून 2025 को रात 10 बजे (IST) ISS के साथ जुड़ेगा। शुभांशु और उनकी टीम 14 दिन तक ISS पर रहेंगे जहां वे कई वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। इनमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT) द्वारा तैयार किए गए खाद्य और पोषण से संबंधित प्रयोग शामिल हैं। ये प्रयोग अंतरिक्ष में मानव जीवन और स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।
14 दिन रहेंगे अंतरिक्ष पर , राकेश शर्मा के बाद होंगे पहले भारतीय
शुभांशु शुक्ला एक अनुभवी भारतीय वायुसेना पायलट हैं जिन्होंने NASA और Axiom Space के सहयोग से कठिन प्रशिक्षण पूरा किया है। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें इस ऐतिहासिक मिशन के लिए तैयार किया है। 7 जून 2025 को SpaceX और Ax-4 दल ने लॉन्च की फाइनल रिहर्सल सफलतापूर्वक पूरी की जिसने मिशन की तैयारियों को अंतिम रूप दिया।

भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण
1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत अंतरिक्ष मिशन के तहत अंतरिक्ष में भारत का नाम रोशन किया था। अब, 41 साल बाद शुभांशु शुक्ला इस विरासत को आगे बढ़ाने जा रहे हैं। यह मिशन न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम की ताकत को दर्शाता है बल्कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग का भी प्रतीक है। Axiom-4 मिशन भारत, अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के बीच साझेदारी का शानदार उदाहरण है।
