लेंस ब्यूरो। बस्तर
बीते दस दिनों से बीजापुर जिले के सभी पंचायत कर्मी धरने पर बैठे हैं। इस धरने की वजह है, एसडीओपी बीजापुर की पंचायत सचिव और तकनीकी सहायक के साथ मारपीट। भैरमगढ़ में हुई इस मारपीट के खिलाफ पंचायत कर्मी लामबंद हो गए हैं। पंचायत कर्मी एसडीओपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर 9 जून यानी कि सोमवार को ये पंचायत कर्मी बीजापुर में एक रैली निकालेंगे।
जानकारी के अनुसार बीतें दिनों बीजापुर एसडीओपी बृजकिशोर यादव ने किसी बात को लेकर पंचायत सचिव बाबूराव फुलसे और तकनीकी सहायक संतोष कुंजाम के साथ मारपीट की थी। मामूली सी बात को लेकर एसडीओपी ने पिटाई की, जिसके बाद पीड़ित कर्मी अस्पताल में इलाज करा रहा है। एसडीओपी की गाड़ी को साइड नहीं देने की वजह से विवाद हुआ था। इस विवाद के बाद कानूनी कार्रवाई करने की बजाए एसडीओपी ने पंचायत कर्मियों को पीटना शुरू कर दिया था।
इस घटना के बाद पीड़ित की तरफ से अब तक कोई एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है। दस दिनों से पंचायत कर्मियों के साथ अमानवीय मारपीट के लिए धरने में बैठे कर्मियों की सुध लेने कोई भी उच्चाधिकारी नहीं पहुंचा। नाराज कर्मी इस विषय को लेकर सिविल सूट करने का मन बना चुके हैं। 9 जून को एसडीओपी को बर्खास्त करने और एफआईआर दर्ज करने बीजापुर में रैली निकाली जाएगी।
आपको बता दें कि इन कर्मियों के कलम और काम बंद करने से ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य ठप्प पड़ गए हैं। दूसरी ओर प्रशासन की ओर से दिखावे के लिए जांच टीम गठित कर दी गई। कार्रवाई के नाम पर दो लोगों को निलंबित करने की बात कही गई है, लेकिन उस पर भी अब तक कोई ब्यौरा नहीं मिला है। कर्मी कहते हैं कि इस मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास किया जा रहा है। हड़ताली कर्मियों में संघ के लक्ष्मण हपका, नीलकंठ ठाकुर, कोमल निषाद, महेंद्र ठाकुर, सुंदरु कोरसा, शैलेन्द्र देवांगन, राममूर्ति सहित बड़ी संख्या में कर्मी मौजूद थे।