स्पोर्ट्स डेस्क। नॉर्वे के स्टावेंजर शहर में 26 मई से 7 जून 2025 तक चला NORWAY CHESS TOURNAMENT शतरंज प्रेमियों के लिए एक रोमांचक अनुभव रहा। विश्व के नंबर एक खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन ने सातवीं बार इस खिताब को अपने नाम किया। वहीं भारत के विश्व चैंपियन डी. गुकेश ने शानदार प्रदर्शन कर सभी का ध्यान खींचा और तीसरा स्थान हासिल किया।
नॉर्वे चेस 2025 में दो वर्ग थे, पुरुष और महिला। दोनों में छह-छह खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया। यह टूर्नामेंट 10 राउंड का था जिसमें हर खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी से दो बार भिड़ता था। अगर कोई क्लासिकल गेम (लंबा मैच) ड्रॉ हो जाता था तो आर्मागेडन (तेज गेम) खेला जाता था। पुरुष और महिला वर्ग की पुरस्कार राशि बराबर थी, जो 1,690,000 नॉर्वेजियन क्रोनर (लगभग 1.4 करोड़ रुपये) थी।
कार्लसन और गुकेश की टक्कर
पहला राउंड (26 मई): टूर्नामेंट की शुरुआत में कार्लसन ने गुकेश को क्लासिकल गेम में हरा दिया। गुकेश ने काले मोहरों के साथ अच्छा खेल दिखाया, लेकिन अंत में एक गलती (46…Qh6+) ने कार्लसन को जीत दिला दी। कार्लसन ने बाद में सोशल मीडिया पर लिखा, “जब आप राजा को चुनौती देते हैं, तो चूकना नहीं चाहिए।”
छठा राउंड (1 जून): गुकेश ने इस राउंड में इतिहास रच दिया। उन्होंने पहली बार कार्लसन को क्लासिकल गेम में हराया। गुकेश की स्थिति शुरू में कमजोर थी लेकिन कार्लसन की एक गलती (52…Ne2+?) ने गुकेश को मौका दिया। गुकेश ने रुई लोपेज ओपनिंग खेली और 27वें चाल पर रानी की कुर्बानी दी जिसने खेल को रोमांचक बना दिया। हार के बाद कार्लसन ने टेबल पर मुक्का मारा लेकिन गुकेश के साथ मजबूत हैंडशेक और पीठ थपथपाकर अपनी खेल भावना दिखाई। यह जीत गुकेश के लिए बहुत बड़ी थी।
अंतिम राउंड (7 जून): अंतिम राउंड में गुकेश केवल आधा अंक पीछे थे और खिताब जीतने की उम्मीद थी। लेकिन फेबियानो कारुआना के खिलाफ हार ने उनके सपने को तोड़ दिया। गुकेश ने आखिरी पलों तक कोशिश की लेकिन समय की कमी के कारण हार गए। दूसरी ओर कार्लसन ने अर्जुन एरिगैसी के खिलाफ मुश्किल स्थिति से ड्रॉ हासिल कर खिताब जीता।
मैग्नस कार्लसन: 16 अंक (पहला स्थान)
फेबियानो कारुआना: 15.5 अंक (दूसरा स्थान)
डी. गुकेश: 14.5 अंक (तीसरा स्थान)
हिकारू नाकामुरा: 13 अंक (चौथा स्थान)
अर्जुन एरिगैसी: 12.5 अंक (पांचवां स्थान)
वेई यी: 6.5 अंक (छठा स्थान)
महिला वर्ग में यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक ने 16.5 अंकों के साथ खिताब जीता, जबकि भारत की कोनेरु हंपी दूसरे स्थान पर रहीं।
गुकेश का शानदार प्रदर्शन
18 साल के गुकेश ने इस टूर्नामेंट में दिखाया कि वह विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को टक्कर दे सकते हैं। कार्लसन को हराने के अलावा, उन्होंने हिकारू नाकामुरा और वेई यी को भी हराया। हालांकि अंतिम राउंड में हार ने उन्हें खिताब से दूर रखा। गुकेश ने कहा, “मैग्नस को हराना मेरे लिए बहुत मायने रखता है। यह मेरे आत्मविश्वास को बढ़ाता है।”
कार्लसन का जलवा
34 साल के मैग्नस कार्लसन ने एक बार फिर साबित किया कि वह शतरंज के बादशाह हैं। गुकेश के खिलाफ हार के बावजूद उन्होंने टूर्नामेंट में शानदार वापसी की। अंतिम राउंड में अर्जुन के खिलाफ ड्रॉ ने उन्हें खिताब दिलाया। कार्लसन ने कहा, “यह टूर्नामेंट मेरे लिए मुश्किल था, लेकिन मैंने आखिर तक लड़ाई की। गुकेश और अर्जुन जैसे युवा खिलाड़ी मुझे कड़ी चुनौती दे रहे हैं।”
भारतीय खिलाड़ियों की चमक
अर्जुन एरिगैसी: अर्जुन ने वेई यी को हराकर पांचवां स्थान हासिल किया। अंतिम राउंड में कार्लसन के खिलाफ आर्मागेडन में चेकमेट देना उनके लिए यादगार रहा।
कोनेरु हंपी: हंपी ने महिला वर्ग में कई राउंड में बढ़त बनाए रखी, लेकिन अंतिम राउंड में जू वेंजुन के खिलाफ ड्रॉ ने उन्हें खिताब से दूर रखा।
आर. वैशाली: वैशाली ने अंतिम राउंड में अन्ना मुजिचुक को आर्मागेडन में हराकर टूर्नामेंट का सकारात्मक अंत किया।
टूर्नामेंट के खास पल
गुकेश की कार्लसन पर पहली क्लासिकल जीत ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया। कई लोगों ने इसे “ऐतिहासिक” बताया।
कार्लसन का टेबल पर मुक्का मारना और फिर गुकेश की पीठ थपथपाना खेल भावना का शानदार उदाहरण था।
टूर्नामेंट में समय का दबाव बड़ा कारक रहा। नॉर्वे चेस में 41वें चाल से केवल 10 सेकंड का इंक्रीमेंट मिलता है, जिसके कारण कई खिलाड़ियों ने गलतियाँ कीं।
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