[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
रेपिस्ट पूर्व सांसद रवन्ना बना जेल लाइब्रेरी का बाबू
अब मोक्षित कॉर्पोरेशन पर GST इंटेलिजेंस का एक्शन
नेपाल में Gen-Z प्रदर्शनकारियों का उग्र प्रदर्शन, सरकार ने लगाया कर्फ्यू
भूपेन हजारिका की जयंती आज, उनके लिखे गीतों को सुन आ जाते थे लोगों के आंखों में आंसू
दिल्ली बनी फुलेरा, सीएम संग पतिदेव भी ले रहे अधिकारियों की बैठक
मतुआ समुदाय ने बिहार में राहुल गांधी से मुलाकात की, नागरिकता की मांग पर कांग्रेस से समर्थन मांगा
दीपक बैज ने पोस्ट में लिखा “मंत्री केदार कश्यप अब हो चुकें हैं बेनकाब”
राहुल गांधी की विदेश यात्रा पर बीजेपी का जमकर हंगामा
निर्वाचन आयोग 10 सितंबर को देश भर के कार्यकारी अधिकारियों की बैठक करेगा आयोजित
वोट चोर अभियान: पायलट रायगढ़ से शुरू करेंगे अभियान, पहले बिलासपुर में आमसभा
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
सेहत-लाइफस्‍टाइल

MBBS-BAMS इंटीग्रेशन पर विवाद, IMA ने बताया ‘अवैज्ञानिक’ और मरीजों के लिए खतरनाक

पूनम ऋतु सेन
Last updated: June 7, 2025 4:30 pm
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Share
MBBS-BAMS INTEGRATION
MBBS-BAMS INTEGRATION
SHARE

द लेंस डेस्क । MBBS-BAMS INTEGRATION आज के दौर में बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं ने लोगों का नजरिया बदल दिया है। कई लोग अब एलोपैथी छोड़कर होलिस्टिक मेडिसिन की ओर बढ़ रहे हैं। अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के मुताबिक होलिस्टिक मेडिसिन स्वास्थ्य को देखने का एक तरीका है, जो शरीर, मन, आत्मा और भावनाओं को जोड़कर सेहत को बेहतर बनाने पर जोर देता है। लेकिन इस बीच केंद्र सरकार के जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER), पुडुचेरी में MBBS और BAMS को एकीकृत करने के प्रस्ताव ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इसे ‘अवैज्ञानिक’ और मरीजों के लिए जोखिम भरा बताते हुए कड़ी निंदा की है। IMA का कहना है कि यह मिश्रण न डॉक्टरों के लिए और न ही मरीजों के लिए फायदेमंद है।

MBBS आधुनिक विज्ञान पर आधारित है जिसमें एनॉटमी, रोगों का अध्ययन और क्लिनिकल ट्रायल्स शामिल हैं। दूसरी ओर, BAMS आयुर्वेद पर आधारित है, जो शरीर को स्वस्थ रखने के लिए कुछ खास विचारों पर काम करता है। इसमें दोष (जैसे वात, पित्त, कफ – शरीर के तीन मुख्य ऊर्जा प्रकार), प्राण (जीवन शक्ति या सांस की ऊर्जा), और धातु (शरीर के सात मूल तत्व, जैसे रक्त, मांसपेशियाँ) जैसी अवधारणाएँ शामिल हैं। ये आयुर्वेद के पारंपरिक तरीके हैं, जो प्रकृति और शरीर के संतुलन पर ध्यान देते हैं, लेकिन ये आधुनिक विज्ञान के तरीकों से काफी अलग हैं। इन दोनों को एक साथ पढ़ाना शैक्षणिक रूप से गलत और लापरवाही भरा है क्योंकि यह छात्रों को किसी एक प्रणाली में पूरी तरह निपुण होने से रोक सकता है। दोनों ही कोर्स 5.5 साल के हैं और इन्हें एक साथ सिखाना शिक्षा की गुणवत्ता को कमजोर करेगा। IMA और FAIMA डॉक्टर्स एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि इससे ‘हाइब्रिड डॉक्टर’ तैयार होंगे जो न तो MBBS में और न ही BAMS में पूरी तरह माहिर होंगे, जिससे मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती है। चीन का उदाहरण भी सामने है जहाँ आधुनिक और पारंपरिक चिकित्सा को मिलाने की कोशिश नाकाम रही।

इस प्रस्ताव को सरकार की ‘हिंदू सांस्कृतिक विरासत’ को बढ़ावा देने की नीति से जोड़ा जा रहा है। आयुर्वेद को स्वास्थ्य सुधार से ज्यादा सांस्कृतिक प्रतीक के तौर पर पेश किया जा रहा है जिससे गैर-हिंदू समुदाय हाशिए पर महसूस कर सकते हैं। कुछ समर्थक जैसे डॉ. राकेश नागर और डॉ. योगेश यादव इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य जरूरतों का हिस्सा मानते हैं और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिशों का हवाला देते हैं। लेकिन IMA ने सरकार से अपील की है कि चिकित्सा की शुद्धता को बनाए रखा जाए और इस ‘गलत कदम’ का विरोध किया जाए। विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि होलिस्टिक मेडिसिन को जीवनशैली बदलने के तरीके के रूप में अपनाया जा सकता है लेकिन इसे गंभीर बीमारियों के इलाज की तुलना में नहीं देखना चाहिए। सरकार को बुनियादी ढांचे, कर्मचारी कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच जैसी समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।

डॉ राकेश गुप्ता, MS ENT, राज्य अध्यक्ष, AHPI (Association of Healthcare Providers) ने इस विषय पर द लेंस से कहा आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन को एक साथ जोड़ने की कोशिश पहले भी कई बार हुई है लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और अन्य संगठनों के विरोध के कारण यह रुक गया। दोनों प्रणालियाँ अलग-अलग हैं, और इन्हें मिलाना न तो इनके लिए फायदेमंद है और न ही मरीजों के लिए। सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी चिकित्सा पद्धति इन्हें एक साथ पढ़ाने की अनुमति नहीं देती, क्योंकि दोनों की शिक्षा का स्तर और दृष्टिकोण अलग है। इसलिए दोनों को अलग-अलग रखना बेहतर है। मरीजों का इलाज भी अलग-अलग होना चाहिए। अन्य देशों, जैसे चीन में, दोनों को मिलाने का प्रयोग असफल रहा है। इस तरह के कदम बिना शिक्षा विशेषज्ञों की सलाह के उठाना ठीक नहीं होगा। बेहतर होगा कि पहले विशेषज्ञों की राय ली जाए और फिर वैज्ञानिक शोध के आधार पर आगे बढ़ा जाए। भारत में जड़ी-बूटियों का खजाना है, जिसे वैज्ञानिक स्तर पर विकसित करना चाहिए। आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन को अलग-अलग रखते हुए दोनों का उपयोग करना चाहिए। आजकल कुछ लोग होलिस्टिक मेडिसिन की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। होलिस्टिक मेडिसिन में कई पद्धतियों को मिलाकर इलाज किया जाता है, लेकिन कुछ बीमारियों के इलाज का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं होता। इससे मरीजों की स्थिति जटिल हो सकती है। इसलिए आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन को अलग रखकर, वैज्ञानिक शोध के साथ आगे बढ़ना चाहिए ताकि दोनों का सही उपयोग हो सके।


इसके अलावा डॉ. संजय शुक्ला, गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज, रायपुर में प्रोफेसर है उन्होंने द लेंस से बातचीत में बताया कि MBBS और BAMS को एक साथ लाने का प्लान तभी कामयाब होगा जब आयुर्वेद और मॉडर्न मेडिसिन को एक-दूसरे के खिलाफ देखने की बजाय एक-दूसरे का साथी बनाया जाए। उनके मुताबिक दोनों का अपना-अपना फायदा है और अगर इन्हें सही तरीके से जोड़ा जाए, तो हेल्थकेयर में बड़ा बदलाव आ सकता है।

डॉ. शुक्ला बताते हैं कि आयुर्वेद लाइफस्टाइल को ठीक करने और बीमारियों से बचने में जबरदस्त है। जैसे कि तनाव, डायबिटीज, या BP जैसी लाइफस्टाइल की बीमारियों को कंट्रोल करने में योग, मेडिटेशन, और आयुर्वेदिक दवाइयाँ बहुत काम आती हैं। ये इम्यूनिटी बढ़ाने और शरीर को बैलेंस में रखने में मदद करते हैं। लेकिन जब बात गंभीर बीमारियों की आती है, जैसे कैंसर, हार्ट अटैक, या इमरजेंसी सर्जरी, तो वहाँ मॉडर्न मेडिसिन की जरूरत पड़ती है, क्योंकि ये साइंस और टेस्टिंग पर बेस्ड है।

वो सुझाव देते हैं कि सरकार को इस एकीकरण को लागू करने से पहले कुछ जरूरी चीजें करनी होंगी। सबसे पहले, आयुर्वेद के तरीकों पर ढंग से साइंटिफिक रिसर्च होनी चाहिए, ताकि ये साबित हो कि वो कितने असरदार हैं। बिना प्रूफ के कुछ भी लागू करना रिस्की हो सकता है। दूसरा, हेल्थकेयर का ढांचा मजबूत करना होगा – जैसे हॉस्पिटल्स में बेहतर सुविधाएँ, ट्रेंड स्टाफ, और गाँव-देहात में मेडिकल सर्विसेज की पहुंच बढ़ानी होगी। डॉ. शुक्ला का मानना है कि इस एकीकरण का मकसद ‘आधा-अधूरा डॉक्टर’ बनाना नहीं होना चाहिए, जो न आयुर्वेद में पूरा जानता हो और न मॉडर्न मेडिसिन में। इसके बजाय, डॉक्टरों को दोनों की बेसिक समझ दी जाए, ताकि वो मरीज की जरूरत के हिसाब से सही ट्रीटमेंट चुन सकें। मिसाल के तौर पर, आयुर्वेद से बीमारी को रोकने या लाइफस्टाइल सुधारने में मदद ली जा सकती है, और गंभीर केस में मॉडर्न मेडिसिन का सहारा लिया जा सकता है।
वो ये भी कहते हैं कि सरकार को एक साफ और सॉलिड पॉलिसी बनानी होगी, जिसमें मरीजों की सेफ्टी, एजुकेशन की क्वालिटी, और दोनों मेडिकल सिस्टम्स की खासियत को बरकरार रखा जाए। अगर ये कदम सही दिशा में और साइंस के साथ उठाया जाए, तो भारत हेल्थकेयर में दुनिया के लिए मिसाल बन सकता है।

TAGGED:FAIMAhealth issueIMAMBBS-BAMS INTEGRATIONTop_News
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article P Sunderraj नक्सली सुधाकर और भास्कर को हिरासत में लेकर मारने का संगठन का दावा, आईजी सुंदरराज ने कहा – सारे ऑपरेशन SOP के तहत
Next Article NIA छत्तीसगढ़ में NIA ने जवान की टारगेटेड किलिंग मामले में आरोप पत्र किया दाखिल

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन की ‘केक पार्टी’ पर फूटा भारत का गुस्सा

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 28 लोगों की जान जाने…

By Lens News

सस्ता हो सकता लोन, रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती, जीडीपी अनुमान भी 6.7 से घटकर 6.5%

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बुधवार 9 अप्रैल…

By अरुण पांडेय

एमिटी यूनिवर्सिटी के एनुअल फेस्ट में बाहरी लड़कों ने छात्र को पीटा

रायपुर। रायपुर के एमिटी यूनिवर्सिटी में एनुअल फंक्‍शन के दौरान शुक्रवार की रात बाहरी लोगों…

By The Lens Desk

You Might Also Like

Radhika Yadav
देश

राधिका यादव हत्याकांड : 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे गए पिता

By अरुण पांडेय
CUET UG
देश

CUET UG की प्रोविजनल आंसर-की जारी, इस तरह करें डाउनलोड, जानिए कब जारी होगा रिजल्ट

By Lens News
SHUBHRANSHU SHUKLA
दुनिया

अरबों हिन्दुस्तानियों के सपनों को लेकर अंतरिक्ष की उड़ान पर निकले शुभ्रांशु

By The Lens Desk
Dalai Lama
लेंस रिपोर्ट

World View : भविष्य के दलाई लामा पर आज भारत-चीन आमने सामने

By सुदेशना रुहान
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?