द लेंस डेस्क। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी का सनसनीखेज दावा किया है। उन्होंने एक आर्टिकल में बीजेपी की जीत को ‘मैच फिक्सिंग’ करार देते हुए कहा कि चुनाव आयोग में नियुक्ति से लेकर मतदाता सूची में फर्जीवाड़ा और फर्जी मतदान तक, यह सब एक सोची-समझी साजिश थी।
राहुल गांधी ने अपने एक्स पोस्ट में बताया कि कैसे चुनाव को ‘चुराया’ गया और चेतावनी दी कि यह ‘मैच फिक्सिंग’ अब बिहार और अन्य राज्यों में भी हो सकती है।
दरअसरल राहुल गांधी ने इंडियन एक्सप्रेस और लोकमत समाचार में लेख लिखकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाए और चुनाव आयोग पर तीखा हमला किया। राहुल लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं। राहुल के आरोपों के बाद चुनाव आयोग का एक बयान मीडिया में आया है जिसमें कहा गया है कि आयोग ने राहुल के बयान को सिरे से खारिज कर दिया। हालांकि इस बयान में चुनाव आयोग के किसी अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं हैं।
क्या हैं राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी का कहना है कि पहले भी देश के चुनावों में संदेह की स्थिति बनी है, लेकिन इस बार का मामला बिल्कुल अलग है। राहुल ने स्पष्ट किया कि वह हर जगह और हर चुनाव में धांधली का दावा नहीं कर रहे, लेकिन बड़े स्तर पर संस्थानों को प्रभावित कर की गई गड़बड़ियों को अनदेखा नहीं किया जा सकता।
राहुल ने 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को असाधारण बताते हुए कहा कि इसमें इतनी व्यापक धांधली हुई कि सच्चाई छिपाने की कोशिशों के बावजूद सबूत सामने हैं। उन्होंने कहा कि आधिकारिक आंकड़े ही इस गड़बड़ी को उजागर करने के लिए काफी हैं, भले ही अनौपचारिक जानकारी को नजरअंदाज कर दिया जाए।
चुनाव आयुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए राहुल ने कहा कि 2023 के चुनाव आयुक्त अधिनियम के तहत यह सुनिश्चित किया गया कि आयुक्तों का चयन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के 2:1 बहुमत से हो, जिससे विपक्ष के नेता का वोट प्रभावहीन हो जाता है। उन्होंने इसे ‘खिलाड़ी द्वारा अंपायर चुनने’ की संज्ञा दी। साथ ही, मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटाकर उनकी जगह कैबिनेट मंत्री को शामिल करने के फैसले को भी गलत ठहराया।
राहुल ने मतदाता सूची में हेरफेर का भी आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि 2019 में महाराष्ट्र में पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 8.98 करोड़ थी, जो मई 2024 के लोकसभा चुनाव तक बढ़कर 9.29 करोड़ हुई। लेकिन महज पांच महीनों बाद, नवंबर 2024 के विधानसभा चुनाव में यह संख्या 9.70 करोड़ पहुंच गई। उन्होंने सवाल उठाया कि पांच साल में केवल 31 लाख मतदाताओं की वृद्धि हुई, लेकिन पांच महीनों में 41 लाख की बढ़ोतरी कैसे संभव है? खासकर जब यह संख्या राज्य की वयस्क आबादी (9.54 करोड़) से भी ज्यादा है।
उन्होंने आगे कहा कि करीब 1 लाख बूथों में से नए मतदाता मुख्य रूप से सिर्फ 12,000 बूथों में जोड़े गए, जो उन 85 विधानसभा क्षेत्रों में थे जहां बीजेपी का लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन कमजोर रहा था। इन बूथों पर शाम 5 बजे के बाद औसतन 600 वोट पड़े, जो संदेहास्पद है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा

चुनाव आयोग ने मीडिया को जारी किए बयान में राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि ऐसी गलत सूचनाएं न सिर्फ कानून का अनादर करती हैं, बल्कि उनकी अपनी पार्टी के चुने हुए प्रतिनिधियों की विश्वसनीयता को भी कम करती हैं।
चुनाव आयोग ने जानकारी दी कि सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक लगभग 6.41 करोड़ लोगों ने मतदान किया, यानी प्रति घंटे औसतन 58 लाख वोट पड़े। इस हिसाब से अंतिम दो घंटों में 116 लाख वोट पड़ने चाहिए थे, लेकिन इस दौरान केवल 65 लाख वोट ही दर्ज किए गए, जो औसत से काफी कम है।
राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने कहा, “खेल में हार के बाद रेफरी को दोष देना अब एक नया और निराधार चलन बन गया है।” आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब 24 दिसंबर 2024 को पहले ही दे दिया गया था, जो उनकी वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है। आयोग ने इन आरोपों को पूरी तरह निराधार और कानून का अपमान करार दिया।
राहुल गांधी का चुनाव आयोग को जवाब
राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव नतीजों पर अलग अलग समाचार पत्रों में प्रकाशित अपने लेख पर चुनाव आयोग की कथित प्रतिक्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर अपना जवाब दिया हैं। अपने जवाब में उन्होंने आयोग के जवाब को टाल मटोल वाला बताया है।
उन्होंने कहा कि प्रिय चुनाव आयोग, आप एक संवैधानिक संस्था हैं। मध्यस्थों के माध्यम से बिना हस्ताक्षर के, टाल-मटोल करने वाले नोट जारी करना गंभीर सवालों का जवाब देने का सही तरीका नहीं है। अगर आपके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो मेरे लेख में दिए गए सवालों के जवाब दें और इसे साबित करें।
आपको चाहिए कि महाराष्ट्र समेत सभी राज्यों के लोकसभा और विधानसभा के सबसे हालिया चुनावों के लिए डिजिटली और पठनीय मतदाता सूची प्रकाशित करें। महाराष्ट्र के मतदान केंद्रों से शाम 5 बजे के बाद की सभी सीसीटीवी फुटेज जारी करें। टाल-मटोल करने से आपकी विश्वसनीयता सुरक्षित नहीं रहेगी। सच बोलने से आपकी विश्वसनीयता सुरक्षित रहेगी।