नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर बस्तर की रिपोर्ट दी। इस दौरान उन्होंने बस्तर में शांति व्यवस्था, विभिन्न योजनाओं और एंटी नक्सल ऑपरेशन में मिली कामयाबी पर चर्चा की। इसके साथ ही हाल ही में छत्तीसगढ़ में आयोजित सुशासन तिहार की प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
प्रधानमंत्री को मुख्यमंत्री ने बताया कि अब बस्तर का चेहरा बदल रहा है, जो कभी बंदूक और बारूदी सुरंगों के लिए जाना जाता था, आज वहां मोबाइल टावर खड़े हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने विगत डेढ़ वर्ष में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की है। सरकार ने अब तक कुल 671 मोबाइल टावर चालू कर दिए हैं, जिनमें से 365 टावरों में 4G सेवा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब बस्तर में सिर्फ मोबाइल टावर नहीं लग रहे हैं, बल्कि ये टावर इस बात का सबूत हैं कि वहां के बच्चे और युवा भी अब डिजिटल दुनिया से जुड़ रहे हैं। पहले जहां बच्चों को पढ़ाई या नौकरी की तैयारी के लिए शहर जाना पड़ता था, अब वही काम वे अपने गांव में मोबाइल नेटवर्क के जरिए ऑनलाइन कर पा रहे हैं। अब बस्तर का युवा भी स्मार्टफोन से अपनी दुनिया खुद बना रहा है।
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मुख्यमंत्री ने बताया सुरक्षा कैंपों के इर्द-गिर्द बसते गांवों में अब बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंच रही हैं। नियद नेल्लानार योजना के तहत चिन्हित 146 ग्रामों में 18 सामुदायिक सेवाएं और 25 तरह की सरकारी योजनाएं एक साथ क्रियान्वित की जा रही हैं।
बरसे पानी को रोकने और जमा करने सरकार ने शुरू की जल संरक्षण पहल
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि छत्तीसगढ़ में अब बारिश के दिन कम हो गए हैं। पहले जहां लगभग 100 दिन बारिश होती थी, अब सिर्फ 65 दिन ही होती है। इस बदलते मौसम के असर को देखते हुए राज्य सरकार ने ‘जल संरक्षण पहल – सुरक्षित भविष्य का छत्तीसगढ़ मॉडल’ नाम की एक अनोखी पहल शुरू की है। इस योजना के तहत गांव-गांव में पानी बचाने के नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां पहले पानी बरसकर बह जाता था, अब उसे रोकने और जमा करने की कोशिश हो रही है। इस काम में आधुनिक तकनीक जैसे GIS मैपिंग और ‘जलदूत’ नाम का मोबाइल ऐप इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे यह पता चलता है कि कहां कितनी जरूरत है।
सबसे खास बात यह है कि इस अभियान में महिलाएं बड़ी भागीदारी निभा रही हैं। महिला समूह तालाबों की सफाई, गहराई बढ़ाने, और पुराने जल स्रोतों को फिर से जीवित करने में आगे आ रही हैं। इस साझेदारी से गांवों में पानी की कमी दूर हो रही है और लोगों को अपने इलाके में ही साफ और पर्याप्त पानी मिल रहा है।
सुशासन तिहार और नालंदा परिसर की रिपोर्ट भी दी
मुख्यमंत्री ने बताया सुशासन तिहार के तहत अब तक सैकड़ों समाधान शिविर आयोजित किए गए हैं, जहां सांसद से लेकर विधायक तक गांव गांव पहुंचकर जनता की शिकायतों का समाधान किया। इन शिविरों में ग्रामीणों को राशन कार्ड, आधार, पेंशन, स्वास्थ्य परीक्षण, स्कूल प्रवेश, आयुष्मान कार्ड, प्रधानमंत्री आवास, उज्ज्वला गैस जैसी योजनाओं का लाभ एक ही मंच पर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को नालंदा परिसर की जानकारी भी दी, जो देश की पहली 24×7 हाईब्रिड सार्वजनिक लाइब्रेरी है। 18 करोड़ की लागत से बनी इस सुविधा में ई-लाइब्रेरी, यूथ टॉवर, हेल्थ ज़ोन और सौर ऊर्जा आधारित व्यवस्था है। अब तक 11,000 से अधिक छात्र लाभांवित हो चुके हैं, जिनमें 300 से अधिक छात्र यूपीएससी और सीजी पीएससी में सफलता पाई है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने ‘प्रयास’ मॉडल की भी जानकारी दी, जिसमें वंचित व आदिवासी बच्चों को आईआईटी, नीट, क्लैट जैसी परीक्षाओं की तैयारी कराई जाती है। अब तक 1508 छात्र चुनिंदा राष्ट्रीय संस्थानों में प्रवेश पा चुके हैं।
शाह से मिली टीम छत्तीसगढ़, एंटी नक्सल ऑपरेशन में मिली उपलब्धियां बताईं
दिल्ली प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की। यहां नक्सल ऑपरेशन सहित अन्य प्रमुख मुद्दों पर चर्चा हुई। इस दौरान डिप्टी सीएम विजय शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह मौजूद थे। सीएम के साथ डीजीपी अरुणदेव गौतम, एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद, आईजी बस्तर पी सुंदरराज और नारायणपुर एसपी प्रभात कुमार भी थे। इस दौरान नक्सल ऑपरेशन में सीपीआई माओवादी के महासचिव बसवराजू को मुठभेड़ में ढेर करने जैसी उपलब्धियों के साथ आगे के ऑपरेशन को लेकर चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की नई रणनीति और केंद्र के सहयोग से नक्सल उन्मूलन अभियान को निर्णायक मोड़ पर पहुंचाया गया है। विगत डेढ़ वर्ष में चलाए गए सघन अभियानों के सकारात्मक परिणाम मिले हैं। 1,428 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो बीते पांच वर्षों की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 205 मुठभेड़ों में 427 माओवादी मारे गए, जिनमें संगठन के शीर्ष नेता महासचिव बसवराजू और सेंट्रल कमेटी सदस्य सुधाकर जैसे कुख्यात माओवादी शामिल हैं। इसके साथ ही, राज्य में 64 नए फॉरवर्ड सुरक्षा कैंपों की स्थापना की गई है, जिससे सुरक्षा नेटवर्क मजबूत हुआ है।