द लेंस डेस्क। अमेरिका में भारतीय मूल के दवा व्यवसायी तन्मय शर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है। उन पर 149 मिलियन डॉलर (लगभग 1244 करोड़ रुपये) की स्वास्थ्य बीमा धोखाधड़ी के आरोप हैं। शर्मा ने कथित तौर पर फर्जी दवाएं बेचकर और बीमा कंपनियों को गलत बिलिंग करके यह धोखाधड़ी की।
जांच में पता चला कि उनकी कंपनी ने मरीजों को अनावश्यक दवाएं भेजीं और बीमा दावों में हेराफेरी की। शर्मा को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई। तन्मय शर्मा को लॉस एंजिल्स हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया। 61 वर्षीय तन्मय असम के गुवाहाटी के रहने वाले हैं। वह सॉवरेन हेल्थ ग्रुप नामक नशा उपचार केंद्र के संस्थापक और पूर्व सीईओ हैं।
अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय, सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया के अनुसार शर्मा की कंपनी ने मरीजों को उनकी जानकारी के बिना बीमा योजनाओं में शामिल किया और धोखे की रणनीति अपनाई। इसके अलावा, शर्मा ने मरीजों को उपचार केंद्रों में भेजने के लिए 21 मिलियन डॉलर से अधिक की अवैध रिश्वत दी। मीडिया खबरों के अनुसार अमेरिकी न्याय विभाग ने बताया कि 29 मई को उन्हें आठ गंभीर आरोपों में गिरफ्तार किया गया। इस मामले में सह-आरोपी पॉल जिन सेन खोर को भी गिरफ्तार किया गया, जिन्होंने खुद को निर्दोष बताया। मामले की सुनवाई 29 जुलाई को होगी।
शर्मा पर चार वायर फ्रॉड, एक साजिश और रिश्वत लेने के तीन आरोप हैं। जांच के अनुसार सॉवरेन हेल्थ ग्रुप, जो दक्षिणी कैलिफोर्निया में कई नशा उपचार केंद्र चलाता था, अब बंद हो चुका है। इसकी जांच जून 2017 से चल रही थी और एफबीआई ने इसके उपचार केंद्रों, सैन क्लेमेंटे मुख्यालय और शर्मा के सैन जुआन कैपिस्ट्रानो स्थित आवास पर छापेमारी की थी।
कौन हैं तन्मय शर्मा
तन्मय शर्मा एक शोध मनोचिकित्सक हैं। वह असम के एक समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से संपन्न परिवार से हैं और उनके पिता स्वर्गीय फणी शर्मा एक खेल आयोजक थे। साथ ही अनुराधा, रुपायन और अनुपमा सिनेमा हॉल के मालिक थे।
शर्मा ने 1987 में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय से MBBS की डिग्री हासिल की और उसी साल भारतीय चिकित्सा परिषद से पहला मेडिकल लाइसेंस लिया। 1988 में उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के जनरल मेडिकल काउंसिल से दूसरा लाइसेंस प्राप्त किया। वह सॉवरेन हेल्थ ग्रुप के संस्थापक थे और मानसिक स्वास्थ्य व नशा उपचार पर कई किताबें लिख चुके हैं, जो अमेजन पर उपलब्ध हैं।