मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट यानी 0.50 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। नई रेपो रेट अब 6.5% से घटकर 6% हो गई है। इस फैसले से होम लोन, कार लोन और अन्य कर्ज लेने वालों को EMI में राहत मिलने की उम्मीद है। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने इस कदम को अर्थव्यवस्था को गति देने और उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण बताया।
यह कटौती ऐसे समय में की गई है जब वैश्विक और घरेलू आर्थिक चुनौतियां बढ़ रही हैं। इस कदम से बैंकों के लिए उधार देने की लागत कम होगी, जिसका सीधा लाभ कर्ज लेने वालों को मिलेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कटौती से होम लोन की EMI में प्रति लाख रुपये पर औसतन 300-500 रुपये की कमी आ सकती है।
RBI ने यह भी संकेत दिया है कि भविष्य में आर्थिक स्थिति के आधार पर मौद्रिक नीति में और बदलाव किए जा सकते हैं। इस कदम से रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर में मांग बढ़ने की उम्मीद है, जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।
आरबीआई की एमपीसी बैठक में गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि भारत तेजी से निवेशकों की पसंदीदा जगह बनता जा रहा है। देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार बढ़ रहा है और वर्तमान में यह 691.5 अरब डॉलर के स्तर पर है। साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2026 के लिए मुद्रास्फीति दर के अनुमान को 4 प्रतिशत से कम करके 3.7 प्रतिशत कर दिया है।
शेयर बाजार में तेजी
भारतीय शेयर बाजार ने शुक्रवार को शानदार प्रदर्शन किया। आरबीआई गवर्नर ने सुबह 10 बजे जैसे ही रेपो रेट में कटौती का ऐलान किया सेंसेक्स 710 अंक की तेजी लेकर 82,165 को पार कर गया। निफ्टी इंडेक्स में भी 230 अंकों की तेजी आई और दोपहर 12 बजे के आस-पास 25000 के पार निकल गया।
बाजार की इस तेजी के पीछे सात प्रमुख कारण रहे। पहला, RBI ने नीतिगत ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की, जिससे निवेशकों का भरोसा बढ़ा। दूसरा, वैश्विक बाजारों में सकारात्मक रुझान ने घरेलू बाजार को समर्थन दिया।
तीसरा, रियल्टी सेक्टर में भारी खरीदारी देखी गई, क्योंकि ब्याज दरों में कमी से होम लोन सस्ते होने की उम्मीद है। चौथा, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने भारतीय बाजार में निवेश बढ़ाया। पांचवां, तिमाही नतीजों में कुछ प्रमुख कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन ने बाजार को गति दी। छठा, तेल की कीमतों में स्थिरता ने निवेशकों के बीच अनिश्चितता कम की। सातवां, सरकार की ओर से इन्फ्रास्ट्रक्चर और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने की नीतियों ने बाजार का मूड मजबूत किया।
विशेषज्ञों का कहना है कि ब्याज दरों में कटौती से अर्थव्यवस्था में नई जान आएगी, खासकर रियल एस्टेट और ऑटो सेक्टर में। हालांकि, निवेशकों को वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति पर नजर रखने की सलाह दी जा रही है।