द लेंस ब्यूरो/रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्य सचिव के रूप में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले 1989 बैच के आईएएस अमिताभ जैन 30 जून को रिटायर हो रहे हैं और इधर राज्य में उनके उत्तराधिकारी की खोज में पसीने छूट रहे हैं।
पूरा मामला दिलचस्प है।
दरअसल वरिष्ठता क्रम में तो 1991 बैच की आईएएस अफसर रेणु पिल्ले का दावा है लेकिन पूरा सत्ता तंत्र जानता है कि रेणु पिल्ले एक ऐसा असुविधाजनक नाम है जो कभी भी नियम–कायदों से परे नहीं जाएंगी।इस समय छत्तीसगढ़ की नौकरशाही के जानकार जिस व्यक्ति से भी अगले मुख्य सचिव के नाम की चर्चा कीजिए वो रेणु पिल्ले के नाम के अलावा ही लिस्ट गिनाएगा।
लेकिन दिलचस्प बात अलग है।
दिलचस्प यह चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में अगले मुख्य सचिव के रूप में 1994 बैच के आईएएस मनोज पिंगुआ को सरकार की पसंद में सबसे ऊपर माना जा रहा था।मनोज पिंगुआ को केंद्र सरकार में भी काम का अच्छा खासा अनुभव है।नाम ना छापने की शर्त पर एक वरिष्ठ अफसर की टिप्पणी को सही मानें तो मनोज पिंगुआ ही तय थे।
लेकिन इस बीच दिल्ली से आए एक फोन कॉल ने राज्य के समीकरण बिगाड़ दिए। चर्चा यह है कि दिल्ली से एक अत्यंत प्रभावशाली व्यक्ति ने फोन कर छत्तीसगढ़ के अगले मुख्य सचिव के रूप में 1992 बैच के आईएएस सुब्रत साहू के नाम की चर्चा की है।इस चर्चा का वजन दिल्ली से आए फोन के वजन से तय हो रहा है। मामला यह है कि सुब्रत साहू राज्य सरकार की पसंद की सूची में नहीं थे क्योंकि वे बतौर अतिरिक्त मुख्य सचिव कांग्रेस पार्टी की पिछली भूपेश सरकार में मुख्यमंत्री सचिवालय में पदस्थ थे।
आज की सरकार में बैठे लोग श्री साहू को भूपेश बघेल के नजदीक मानते हैं और तब की नौकरशाही को जानने वाले जानते हैं कि तब अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में भी उनके प्रभावशाली होने की धारणा की हकीकत क्या थी!सुब्रत साहू के पिता ओडिशा के मुख्यसचिव रह चुके हैं और श्री साहू छत्तीसगढ़ में अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं लेकिन सरकार बदलने के बाद उन्हें बड़ी जिम्मेदारियां नहीं दी गईं।
सुब्रत साहू के अलावा केंद्र सरकार में पदस्थ 1993 बैच के अमित अग्रवाल का भी नाम चर्चा में है।केंद्र सरकार में उनका अनुभव और छत्तीसगढ़ में ही उनका परफॉर्मेंस उनके पक्ष में माना जाता है। इसके बाद 1994 बैच की आईएएस ऋचा शर्मा,निधि छिब्बर,विकास शील और फिर मनोज पिंगुआ का नाम है।
विकास शील भी केंद्र में पदस्थ हैं ।
इन चर्चाओं के बीच एक चर्चा यह भी कि अमिताभ जैन को ही सेवा वृद्धि मिल सकती है।हालांकि अमिताभ जैन ने छत्तीसगढ़ के मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए भी आवेदन किया है।उस पर भी अभी फैसला नहीं हुआ है। दरअसल इस बीच उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मुख्य सचिव सेवानिवृत्ति के बाद सेवा वृद्धि पा चुके हैं।माना जा रहा है कि केंद्र सरकार का रुख सेवा वृद्धि को लेकर लचीला हुआ है।
अब छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव को लेकर स्थिति 30 जून तक ही स्पष्ट होगी।