बंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में आईपीएल में पहली बार विजेता बनी आरसीबी के जश्न के दौरान हुई भगदड़ बदइंतजामी और आपराधिक लापरवाही का एक और उदाहरण है, जिसकी वजह से 11 लोगों की मौत हो गई। हादसे के बाद रोंगटे खड़े कर देने वाले ब्योरे सामने आए हैं और जिनसे पता चल रहा है कि भीड़ के प्रबंधन के मामले में किसी भी हादसे से कुछ भी नहीं सीखा गया है। कुछ महीने पहले प्रयागराज और दिल्ली में कुंभ के दौरान हुई भगदड़ों में भी काफी लोग मारे गए थे और तब भी भीड़ के प्रबंधन को लेकर सवाल उठे थे। अब जब इस हादसे को लेकर जिम्मेदारी के सवाल उठ रहे हैं, तो साफ हो गया है कि आरसीबी का यह जश्न पर्याप्त तैयारी के बिना आयोजित किया गया। यह मामला हाई कोर्ट पहुंच चुका है और राज्य की सिद्धरमैया सरकार ने जांच के भी आदेश दिए हैं। इसके बावजूद इस हकीकत से तो इनकार नहीं किया जा सकता, जैसा कि खुद राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कहा है कि स्टेडियम की क्षमता 35 हजार है, और वहां ढाई से तीन लाख लोग आ गए! ऐसा कैसे हो गया कि इतनी भीड़ वहां जमा हो रही थी और स्थानीय प्रशासन को और आयोजनकर्ताओं को यह अंदाजा भी नहीं हुआ कि यहां कोई हादसा भी हो सकता है? गौर इस पर भी किया जाना चाहिए कि आईपीएल जैसे तमाशाई क्रिकेट ने लोगों को किस तरह उन्मादी बना दिया है कि वे विराट कोहली जैसे अपने चेहेते क्रिकेटरों की झलक पाने के लिए अपनी जिंदगी तक जोखिम में डाल सकते हैं।

