नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों और भाजपा नेताओं ने कानपुर में हिस्ट्रीशीटर रहे तीन नेताओं से प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात करा दी। भाजपा नेता संदीप ठाकुर, अरविंद राज त्रिपाठी और वीरेंद्र दुबे ने हाल में प्रधानमंत्री मोदी के कानपुर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी।
ये तीनों नेता हिस्ट्रीशीटर हैं। इनमें से अरविंद राज त्रिपाठी और वीरेंद्र दुबे काकादेव और सीसामऊ थाने के हिस्ट्रीशीटर हैं। यह मामला सामने आने के बाद जहाँ अधिकारियों और नेताओं पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हैं, वहीं हिस्ट्रीशीटरों से प्रधानमंत्री की मुलाकात पर प्रदेश की सियासत गर्म हो गई है।

पुलिस का दावा : नहीं मांगी गई जानकारी
इस बीच द लेंस को विश्वसनीय जानकारी मिली है कि मुलाकातियों की सूची तय करने से पहले पुलिस से किसी तरह की तस्दीक नहीं की गई थी। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने खुद ही सूची तय कर ली। एसीपी सीसामऊ मंजय सिंह ने द लेंस को बताया कि हम लोगों से किसी के नाम पर कोई राय नहीं मांगी गई थी, यह काम लोकल इंटेलिजेंस यूनिट को करना था।
क्या कहते हैं नियम
सामान्य तौर पर पीएम से मुलाकात करने वालों का पुलिस सत्यापन किए जाने का प्रावधान है। बाकायदा लोकल इंटेलिजेंस यूनिट, एसपीजी और स्थानीय पुलिस मुलाकातियों के नाम तय करने के लिए मिलकर काम करती हैं। लेकिन इस बार बिना सत्यापन के इन नामों को एसपीजी को दे दिया गया।
एडिशनल पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मुलाकात करने वालों की सूची जिला प्रशासन से मिली थी। एडीएम सिटी राजेश कुमार का कहना है कि जो सूची भाजपा से प्राप्त हुई थी, हमने उसे ही आगे बढ़ाया। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष प्रकाश पाल ने कहा कि संदीप, अरविंद और वीरेंद्र पदाधिकारी हैं। इसी नाते उनके नाम प्रशासन को भेजे गए।
कांग्रेस ने कहा : यह प्रयोग है
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने द लेंस से बातचीत में कहा कि यह अनजाने में नहीं हुआ है, यह प्रयोग है। अब जनता का वोट भाजपा को मिलना नहीं है तो वह गुंडों और अपराधियों के दम पर सत्ता पर काबिज होना चाहती है। उपचुनाव में देश ने देखा है। अपराधी प्रधानमंत्री से मिल रहे हैं, यह छोटी बात नहीं है। नगर ग्रामीण कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष संदीप शुक्ला ने कहा कि भाजपा अपराधियों की वॉशिंग मशीन बन गई है। उन पर से मुकदमे खत्म करवाकर प्रधानमंत्री से मुलाकात करवा रही है।