The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
पुतिन ट्रम्प की बातचीत में उठा ऑपरेशन सिंदूर का मामला, क्रेमलिन ने कहा ट्रंप ने युद्ध रुकवा दिया
ट्रंप और मस्क की जिगरी दोस्ती टूटी, एक दूसरे पर आरोपों की बौछार
Raipur Breaking: महादेव घाट इलाके में मनचलों ने लड़कियों से की मारपीट, एक युवती की उंगली काटी, मुंह और शरीर पर आई गंभीर चोटें
छत्तीसगढ़ में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में शिक्षकों को राहत, दावा-आपत्ति को लेकर हाईकोर्ट का आदेश
बेंगलुरु भगदड़ : आरसीबीए, केएससीए और इवेंट कंपनी के खिलाफ एफआईआर
सीएम साय ने बादाम का पौधा रोपकर दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश
केरल सरकार ने क्‍यों किया राज्यपाल के कार्यक्रम का बहिष्कार, आरएसएस से जुड़ा है मामला
रायपुर में नगर निगम कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन, सुरक्षा की मांग को लेकर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
बिजली अफसर पर क्‍यों टूट पड़ी बागी पान सिंह तोमर की पोती
बेंगलुरु भगदड़ : कर्नाटक हाईकोर्ट में सरकार ने रखा अपना पक्ष, अगली सुनवाई 10 जून को
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Lens > देश > जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में क्या बोले सीजेआई गवई ? जानिए
देश

जस्टिस यशवंत वर्मा के मामले में क्या बोले सीजेआई गवई ? जानिए

Lens News Network
Last updated: June 4, 2025 10:07 pm
Lens News Network
Share
CJI GAVAI
SHARE

द लेंस डेस्क । ‘‘दुख की बात है कि न्यायपालिका के भीतर भी भ्रष्टाचार और कदाचार के मामले सामने आए हैं। ऐसी घटनाओं से जनता के भरोसे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे पूरी प्रणाली की शुचिता में विश्वास खत्म हो सकता है।’’ यह बात मुख्य न्यायाधीश बी आर गवई ने ब्रिटेन में कही।

वह ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट द्वारा आयोजित एक गोलमेज सम्मेलन में बोल रहे थे। सीजेआई बीआर गवई ने कहा कि न्यायपालिका को बाहरी प्रभावों से स्वतंत्र रहना चाहिए। हर लोकतंत्र में न्यायपालिका का दायित्व न केवल न्याय प्रदान करना है, बल्कि सत्ता के सामने सत्य को रखने वाली संस्था के रूप में भी स्थापित होना है। न्यायिक स्वतंत्रता अहम है।

उन्होंने 2015 में राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग अधिनियम को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र किया, जिसमें अदालत ने माना था कि यह अधिनियम कार्यपालिका को नियुक्तियों में प्राथमिकता देकर न्यायपालिका की स्वतंत्रता को कमजोर करता है। उन्होंने कहा कि कॉलेजियम प्रणाली की कमियां हो सकती हैं, लेकिन न्यायिक स्वतंत्रता से समझौता नहीं होना चाहिए।

उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि विधायिका और कार्यपालिका की वैधता मतदान से आती है, लेकिन न्यायपालिका अपनी स्वतंत्रता, निष्पक्षता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति निष्ठा से वैधता हासिल करती है। भ्रष्टाचार के मामलों पर उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं जनता का भरोसा तोड़ती हैं, लेकिन त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई से इस विश्वास को पुनर्जनन किया जा सकता है। भारत के सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में हमेशा तुरंत और उचित कदम उठाए हैं।

हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के दिल्ली स्थित आवास से नकदी बरामद होने के आरोपों के संदर्भ में मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामलों में तत्काल कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हर व्यवस्था में कदाचार की संभावना रहती है, लेकिन इसका समाधान पारदर्शी और निर्णायक कदमों में है।

सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों की सरकारी नियुक्तियों पर उठने वाले सवालों पर उन्होंने कहा कि ऐसी नियुक्तियां जनता के भरोसे को कमजोर कर सकती हैं, क्योंकि इससे यह आशंका पैदा होती है कि निर्णय पक्षपातपूर्ण हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने और उनके कई सहयोगियों ने सेवानिवृत्ति के बाद सरकारी पद स्वीकार न करने की प्रतिज्ञा की है, ताकि न्यायपालिका की विश्वसनीयता बनी रहे।

कॉलेजियम प्रणाली का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि 1993 से पहले कार्यपालिका का नियुक्तियों में दबदबा था, जिसके दौरान दो बार वरिष्ठतम न्यायाधीशों को दरकिनार कर सीजेआई की नियुक्ति की गई, जो परंपरा के खिलाफ था।

TAGGED:CJI GAVAILatest_News
Share This Article
Email Copy Link Print
Previous Article Nagar Niagam रायपुर में नगर निगम की कार्रवाई के खिलाफ आत्मदाह की कोशिश, जोन 8 के दफ्तर में तोड़- फोड़, वीड़ियो
Next Article basic military training Assault on innocence

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

क्या सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है विधेयकों की मंजूरी की समय सीमा? राष्ट्रपति मुर्मू ने विधेयकों को मंजूरी देने पर सुप्रीम कोर्ट से पूछे 14 सवाल

नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी…

By Lens News Network

हिमांता और गोगोई के बीच X वॉर, एक दूसरे पर ताबड़तोड़ हमले

लेंस नेशनल ब्यूरो। नई दिल्‍ली असम के मुख्यमंत्री हिमांता बिस्वा सरमा और कांग्रेस सांसद गौरव…

By Lens News Network

Parliament muted

The Lok Sabha today witnessed noisy protests and questionable high handed decision by the chair.…

By The Lens Desk

You Might Also Like

पहलगाम आतंकी हमला
देश

पहलगाम में रक्तपात के विरोध में कश्मीरी अखबारों का पहला पन्ना काला

By The Lens Desk
देश

क्या सरकार को नहीं रहा आपकी प्राइवेसी से मतलब ?, जानिए नए डिजिटल नियम में क्या कुछ बदलेगा  

By Amandeep Singh
देश

अन्नामलाई ने भाजपा का अध्‍यक्ष पद छोड़ा

By The Lens Desk
Sachin Pilot
छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ दौरे पर सचिन पायलट, बोले- भाजपा मजहब के नाम पर लोगों को बांटना चाहती है, माफी मांगना चाहिए

By Lens News

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?