नेशनल ब्यूरो/नई दिल्ली। भारत सरकार 17 साल बाद राष्ट्रीय जनगणना कराने जा रही है। सूत्रों के अनुसार जनगणना 1 मार्च 2027 से शुरू होगी। यह जनगणना, जाति जनगणना के साथ ही की जाएगी। राष्ट्रीय जनगणना दो चरणों में की जाएगी। उत्तर के पहाड़ी क्षेत्रों में सबसे पहले। सूत्रों ने बताया कि लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में जनगणना 1 अक्टूबर 2026 से शुरू होगी।
गृह मंत्रालय ने बुधवार को एक बयान में कहा, “इन संदर्भ तिथियों के साथ जनसंख्या जनगणना करने के इरादे की अधिसूचना जनगणना अधिनियम 1948 की धारा 3 के प्रावधान के अनुसार, 16.06.2025 को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।”
जनगणना किसी देश की जनसंख्या और उसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी का सांख्यिकीय संग्रह है। धर्म, आयु और लिंग से लेकर साक्षरता स्तर, आवास और प्रवास तक, जनगणना में लोगों के बारे में व्यापक जानकारी शामिल होती है।
ब्रिटिश राज ने 1872 में जनगणना की शुरुआत की थी। 1881 से 1931 के बीच भारतीय जनगणना में सभी जातियों को सूचीबद्ध किया गया। जाति गणना 1941 में भी की गई थी – द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, लेकिन डेटा जारी नहीं किया गया था।
जाति की गणना आखिरी बार 1931 में तत्कालीन अविभाजित भारत में की गई थी। आंकड़ों से पता चला कि देश में दलितों के अलावा 4,147 जातियाँ थीं। जाति जनगणना में सभी भारतीयों, विशेषकर अन्य पिछड़ा वर्ग या ओबीसी की जातियों को शामिल किया जाता है।