रायपुर। राजधानी रायपुर का नकटी गांव जो विधायक कॉलोनी बनाने के नाम पर चर्चा में आया। इस गांव के 85 घरों को उजाड़कर नई विधायक कॉलोनी बनाई जाएगी। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार किसी प्राइवेट कंपनी को यह जगह लीज में देने की तैयारी की जा रही है। तोड़े जाने वाले घरों में कई लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हाल ही में उसी जमीन पर पीएम आवास बनाने के लिए किश्त दी गई है और घर का लगभग 60 प्रतिशत काम पूरा भी हो चुका है। इस मामले में कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि खुलकर जवाब नहीं दे रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर भूमि अवैध थी तो प्रधानमंत्री आवास कैसे बन गया। हम मर जाएंगे लेकिन अपनी जमीन नहीं छोडेंगे। द लेंस से बातचीत में कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि वहां पर क्या होना है, इस बारे में आगे का प्लान नहीं बता सकते। Nakati Gaon
दरअसल, नकटी गांव के ग्रामीण पिछले 10 दिनों से अपनी जमीन और घर बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहें हैं। यहां तक कि उन्होंने काम पर जाना भी बंद कर दिया है। उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि वो काम पर जाएंगे तो उनका घर जमींदोज कर दिया जाएगा। जिन 85 घरों को नोटिस दिया गया है उनमें 310 से ज्यादा लोग निवास करते हैं। ये लोग रोज- कमाते हैं और अपना जीविकोपार्जन करते हैं। ग्रामीणों के विरोध के बावजूद कोई जनप्रतिनिधि इनकी सुनवाई नहीं कर रहा है।
यह गांव रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल से करीब एक किलोमीटर दूर है। इसके इर्द-गिर्द कई उद्योगपतियों और नेताओं की जमीनें है। जमीनों की कीमत भी आसमान छू रही है। अब सरकार की भी इस जमीन पर नजर गड़ी हुई है। गांव के सरपंच बिहारी लाल यादव ने बताया कि यहां लगभग 50 सालों से परिवार निवास कर रहें हैं। लेकिन प्रशासन ने अचानक घर तोड़ने का नोटिस दे दिया है। जिन घरों को तोड़ने का नोटिस दिया गया है, उनमें प्रधानमंत्री आवास भी शामिल हैं। अगर वो अवैध हैं तो इतने सालों से प्रशासन कार्रवाई क्यों नहीं की।
इस मामले को लेकर द लेंस ने धरसिंवा विधानसभा के पूर्व विधायक और भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार नेता देवजी भाई पटेल से बात की। उन्होंने कहा कि लगभग 40 सालों से यहां लोग रह रहें हैं। विधायक कॉलोनी का निर्माण कहीं और भी किया जा सकता है। नया रायपुर में कई जगहों पर जमीनें खाली हैं। विधायक कॉलोनी के नाम पर घरों को उजाड़ना गलत है। मैं मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री औऱ विधानसभा अध्यक्ष से भी इस बारे में बात करूंगा। वर्तमान विधायक अनुज शर्मा को भी जनता के साथ खड़ा रहना चाहिए। प्रशासन सरकार को घुमाने का काम कर रहा है। अगर जरूरत पड़ेगी तो मैं भी अपनी ही सरकार के खिलाफ ग्रामीणों के साथ आंदोलन करूंगा।
उन्होंने विपक्ष की भूमिका पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि कांग्रेस को इस मामले पर संज्ञान लेना चाहिए था। ऐसा लग रहा है प्रदेश में विपक्ष है ही नहीं। हम ही विपक्ष का काम करेंगे जैसे 15 साल जनता के लिए काम किया था, वही करेंगे। गांव वालों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। ऐसा कोई नियम नहीं है कि विधायकों को जमीन दी जाए। यह केवल परंपरा है।
द लेंस से धरसींवा विधायक अनुज शर्मा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की। लेकिन, उनका अबतक कोई जवाब सामने नहीं आया है। उनका पक्ष आने के बाद जानकारी अपडेट की जाएगी।
रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने इस मामले को लेकर कहा कि वह अवैध भूमि है। ग्रामीणों को नोटिस दिया गया है। घरों को तोड़ा जाएगा। पीएम आवास कैसे बना, सवाल पर उन्होंने कहा कि इस बारे में जांच की जाएगी। आगे का क्या प्लान है इस बारे में आपको जानकारी नहीं दे सकते। SDM नंदकुमार चौबे का कहना है कि ग्रामीणों को नोटिस दिया गया है। 28 मई को कार्रवाई की जानी थी। वहां पर क्या निर्माण होना है इस बारे में जानकारी नहीं है।