मुंबई। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों ने एक यात्री को दुर्लभ और संरक्षित प्रजातियों की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया है। यात्री थाईलैंड से थाई एयरवेज की उड़ान से लौटा था और उसके सामान की जांच में 52 जीवित और एक मृत सांप बरामद किया गया।
कस्टम अधिकारियों ने यात्री के बैग से 44 इंडोनेशियाई पिट वाइपर, 3 स्पाइडर-टेल्ड हॉर्न्ड वाइपर, और 5 एशियाई लीफ कछुए बरामद किए। ये सभी प्रजातियां संरक्षित हैं और इनकी तस्करी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गैरकानूनी है। अधिकारियों ने बताया कि सरीसृपों को कपड़ों और अन्य सामानों के बीच छिपाकर रखा गया था। जांच के दौरान एक फील्ड टेस्टिंग किट से पुष्टि हुई कि ये दुर्लभ और जहरीले सांप हैं।
नेटवर्क का पता लगाने में जुटी एजेंसियां
आरोपी को नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है। उसे अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सीमा शुल्क विभाग अब इस तस्करी नेटवर्क का पता लगाने के लिए गहन कर रहा है। अधिकारियों का मानना है कि यह अंतरराष्ट्रीय तस्करी रैकेट का हिस्सा हो सकता है, क्योंकि थाईलैंड में ऐसे सरीसृप आसानी से उपलब्ध हैं।
बढ़ती तस्करी की घटनाएं
हाल के महीनों में मुंबई हवाई अड्डे पर तस्करी की कई घटनाएं सामने आई हैं। जनवरी 2025 में तीन यात्रियों से 15.9 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड (गांजा) बरामद किया गया था, जिसकी कीमत 16 करोड़ रुपये थी। फरवरी 2025 में, चार अन्य यात्रियों को 40 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक कैनबिस के साथ पकड़ा गया था। ये घटनाएं दर्शाती हैं कि हवाई अड्डे पर तस्करी रोकने के लिए सीमा शुल्क विभाग की सतर्कता बढ़ गई है।
संरक्षित प्रजातियों का महत्व
इंडोनेशियाई पिट वाइपर और स्पाइडर-टेल्ड हॉर्न्ड वाइपर जैसे सांप अपनी अनूठी विशेषताओं और पारिस्थितिक महत्व के कारण संरक्षित हैं। एशियाई लीफ कछुए भी दुर्लभ प्रजातियों में गिने जाते हैं, जिनका अवैध व्यापार वैश्विक जैव-विविधता के लिए खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी तस्करी से न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह संगठित अपराध को भी बढ़ावा देता है।