रायपुर। राजधानी रायपुर में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन NSUI ने सोमवार को भ्रष्टाचार की बारात निकाली है। कार्यकर्ताओं ने कुलपति पर करोडों रूपए के घपले करने का आरोप भी लगाया है। इस बारात में डिप्टी सीएम अरूण साव और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के मुखौटा पहनकर थिरके। बरातियों ने आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति ने भ्रष्टाचार की बेटी से शादी कर ली है। उन्होंने दहेज में 7 करोड़ रुपए लिए हैं। “दहेज” के रूप में पेटी भर कर पैसा भी प्रतीकात्मक रूप से प्रस्तुत किया गया है। यह पैसा उन घोटालों की ओर संकेत करेगा, जिन्होंने शिक्षा संस्थानों की गरिमा और छात्रों के अधिकारों को गहरी चोट पहुँचाई है। NSUI Protest
NSUI नेता पुनेश्वर लहरे ने कहा कि लगातार इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में घोटाला हो रहा है। इनक्यूबेशन सेंटर के नाम से घोटाला किया गया। रोटी मेकर खरीदने में घोटाला है। कैमरा खरीदने में घोटाला है। यह शिक्षा का संस्थान है यहां पढ़ाई होनी चाहिए। यह राजनीति का, घोटाले का गढ़ बन रहा है। कुलपति महोदय लगातार घोटाले पर घोटाला कर रहे हैं। कुलपति महोदय की हमने शादी कराई है, और करोड़ों रुपए के जो घोटाले हैं, वह भ्रष्टाचार की दुल्हन को देने के लिए जा रहे हैं। साथ में मंत्रियों के साथ कृषि मंत्री, ओपी चौधरी और अरूण साव आज बाराती बनकर आए हैं। NSUI भी आज बाराती बनी है। हम लोग आज कुलपति जी की शादी करा रहे हैं। लगातार घोटाले हो रहे हैं लेकिन उनकी जांच नहीं हो रही है। हम प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन, हमारी कोई मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुलपति साहब भ्रष्टाचार के साथ शादी रचा रहे हैं। हमने भ्रष्टाचार किस संबंध को पारिवारिक विवाह में बदल दिया जाए, इसलिए कुलपति साहब की भ्रष्टाचार से शादी हो रही है।
ये हैं आरोप
1. इनक्यूबेशन सेंटर बिल्डिंग घोटाला- घटिया निर्माण, नियमविहीन टेंडर, अधिक भुगतान, टेंडर किसी और को, भुगतान किसी और को
2. रोटी मेकर घोटाला– खराब मशीनें, अधिक कीमत, अनुपयोगी उपकरण
3. कैमरा घोटाला – पुराने कैमरे, फर्जी बिलिंग, निगरानी विफल
4. फर्नीचर घोटाला – घटिया सप्लाई, अनुपयोगी फर्नीचर, फर्जी भुगतान
NSUI ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर अपनी तीन मांगे रखी हैं। NSUI की मांग है कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए। बायोटेक इन्कयूबेशन सेंटर निर्माण समेत विश्वविद्यालय की सभी खरीदी प्रक्रिया की उच्चस्तरीय, स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच कराई जाए। दोषी अधिकारियों और ठेकेदारों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।