रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में EOW का एक्शन जारी है। एसीबी ने शराब कारोबारी विजय भाटिया को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। साथ ही EOW ने विजय भाटिया के दुर्ग स्थित 8 ठिकानों पर छापा मारा है। यहां टीमें शराब घोटाला मामले में दस्तावेज खंगाल रहीं हैं। रविवार सुबह से ही EOW की टीम कार्रवाई में लगी हुई है। भाटिया को रिमांड कोर्ट में पेश किया गया। रिमांड कोर्ट ने पावर नहीं होने के कारण एक दिन की नयायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। सोमवार को विजय भाटिया को EOW की स्पेशल कोर्ट में पेश किया जाएगा। EOW भाटिया की 14 दिनों की पुलिस रिमांड की मांग कर सकती है। जिन जगहों पर छापा मारा गया है वहां से संबंधित कंपनियों एवं सहयोगियों के परिसरों से महत्वपूर्ण दस्तावेज, निवेश से संबंधित कागजात तथा इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स (डिजिटल डिवाइस) जप्त किए गए हैं। Liquor scam
बता दें कि बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार विजय भाटिया की लंबे समय से जांच एजेंसियां तलाश कर रहीं थीं। EOW ने दिल्ली से विजय भाटिया को रविवार सुबह गिरफ्तार कर लिया है। भाटिया को फ्लाइट से दिल्ली से रायपुर लाया गया। उससे रायपुर में पूछताछ की जाएगी।
EOW में दर्ज एफआईआर में विजय भाटिया का नाम भी शामिल है। विजय भाटिया पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी माने जाते हैं। 2017 के चर्चित CD कांड में सबसे पहले विजय भाटिया का नाम सामने आया था।
गिरफ्तारी के बाद विजय भाटिया की मुश्किलें अब बढ़ सकती है। इस केस में ED भी विजय भाटिया की लंबे समय से तलाश कर रही थी। संभावना है कि आगे चल कर ED भी विजय भाटिया की गिरफ्तारी कर सके।
ED ने करीब तीन महीने पहले इस केस में विशेष न्यायालय में चालान पेश किया था। ED के पेश किए गए चालान में शराब घोटाले में 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। इसमें आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आरोपी बनाना अहम था।
ED ने दावा किया था कि हर महीने 2 करोड़ रुपए कवासी को दिए जाते थे। कवासी के अलावा अनवर ढेबर, रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा, आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन, अरविंद सिंह, छत्तीसगढ़ डिस्टलर, वेलकम डिस्टलर, टॉप सिक्योरिटी, ओम सांई ब्रेवरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया सहित अन्य लोगों के नाम शामिल हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में हुए कथित शराब घोटाला मामले में ED ने जांच शुरू की थी। ED की रिपोर्ट पर ही 2024 में EOW ने FIR दर्ज की थी। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने जांच में पाया था कि अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर के बनाए सिंडिकेट ने करीब 21 सौ करोड़ के घोटाले को अंजाम दिया।