लखनऊ। 2022 में उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी के विवादित बयान पर कोर्ट का फैसला आने के बाद उनकी विधायकी अब खत्म हो गई है। कोर्ट ने शनिवार को ही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता अब्बास अंसारी को विवादित बयान के मामले में दो वर्ष की सजा सुनाई थी। हालांकि सजा के खिलाफ अब्बास अंसारी ने हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर ली है।
अब्बास अंसारी उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से विधायक थे। विधायकी खत्म होने के बाद अगर हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलती है तो 6 महीने के भीतर इस सीट पर उपचुनाव होंगे। सजा मिलने के बाद अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मऊ सीट को रिक्त घोषित कर दिया है। उपचुनाव होने पर अब्बास के भाई उमर अंसारी चुनाव लड़ सकते हैं।
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इस विधानसभा में विधायकी गंवाने वाले अब्बास अंसारी छठवें विधायक हैं। इससे पहले आजम खान, अब्दुल्ला आज़म, इरफान सोलंकी, विक्रम सैनी और रामदुलार गोंड की विधायकी जा चुकी है।
दरअसल, किसी भी विधायक और सांसद को सजा मिलने पर उनकी सदस्यता को लेकर कानून है। जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8 में सख्त कहा गया है कि सजा पाए नेताओं, सांसदों और विधायकों को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। 2 वर्ष की सजा होने पर विधायकी और सांसदी चली जाती है। इसके अलावा 6 साल तक दोषी विधानसभा और लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाते हैं।