प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर थे। दो दिन के इस दौरे के पहले दिन उन्होंने पटना में नए एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन किया। साथ ही, बिहटा में नए इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण की शुरुआत की। उन्होंने 30 मई को पटना में एक बड़ा रोड शो भी किया।
30 मई गुरुवार को लगभग दोपहर के बाद पटना के बेली रोड को आम वाहनों के लिए बंद किया जा चुका था। सड़क पर जगह-जगह सेल्फी प्वाइंट और स्टेज लगा हुआ था। पूरे सड़क पर सरकारी योजना और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर होर्डिंग टंगी हुई थी। भाजपा कार्यकर्ता हाथों में अपनी-अपनी पार्टियों के झंडे, बैनर और तख्तियां लेकर “ज़िंदाबाद-ज़िंदाबाद” के नारे लगाते हुए जत्थों में लोग चल रहे थे।
दूसरे तरफ की लेन पर केवल प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस वाहनों और नेताओं-मंत्रियों के वाहनों की आवाजाही हो रही थी। सड़क पर लगे होर्डिंग और चुनावी वादा को देखते हुए स्पष्ट रूप से ऐसा लग रहा था कि यह एयरपोर्ट के उद्घाटन एवं शिलान्यास से ज्यादा ऑपरेशन सिंदूर का प्रचार प्रसार है।

ये कैसा रोड शो है?
सोनपुर से मोदी जी को देखने आए भाजपा कार्यकर्ता अनुराग सिंह बताते हैं कि, “शाम के 6 बजे है पटना में इतनी धूप है कि पीएम मोदी अपने गाड़ी से बाहर नहीं निकल रहें है और उनके पार्टी के कार्यकर्ता सड़क पर खड़े होकर मोदी-मोदी कर रहें हैं। ऐसे रोड शो का कोई मतलब नहीं जब राजा अपना चेहरा भी नहीं दिखा रहा। सड़क पर भीड़ भी ज्यादा नहीं थी।”
पटना के वरिष्ठ पत्रकार राजेश ठाकुर बताते हैं कि, ”पटना में मोदी के रोड शो चुनावी नहीं था और न ही चुनावी रोड शो जितनी भीड़ उनको देखने आई थी,ये ऑपरेशन सिंदूर शो था। पटना में मोदी के इस दौरे से एक सवाल बड़ा निकल कर आया है कि बीजेपी बिहार विधानसभा चुनाव सिंदूर के टिकिया लेकर लड़ेगी या फिर विकास के मुद्दे पर विपक्ष के सवालों का जवाब देकर?
30 मई यानी गुरुवार को एक्स पर #ModiFailsBihar ट्रेंड करता रहा। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल किया गया कि उन्होंने पिछले 11 वर्षों में बिहार के लिए जो घोषणाएं की थी उसका क्या हुआ? प्रधानमंत्री ने बिहार को कोई टेक्सटाइल पार्क, कोई आईटी पार्क या कोई ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट क्यों नहीं दिया?
स्थानीय पत्रकार की नजर से
वेब पोर्टल पत्रकार सत्यम बताते हैं कि, “भीड़ बहुत ज्यादा नहीं थी। पुलिस ने बस बैरिकेडिंग कर रखी थी। पटना के शेखपुरा मोड़ और राजवंशी नगर हनुमान मंदिर पर ही ज्यादा भीड़ थी। बाकी जगह सन्नाटा था। गाड़ी तो बहुत धीरे धीरे, आराम से चल रही थी। मैंने आराम से कई तस्वीरें लीं। कोई परेशानी नहीं हुई फोटो लेने में।”
औरंगाबाद के रहने वाले प्रिंस सिंह राजपूत बताते हैं कि, “शाहाबाद,औरंगाबाद और अरवल इलाके से डेढ़ लाख जीविका दीदियों को रैली में पहुंचाने का लक्ष्य लेकर भाजपा कार्यकर्ता जी जान से लगे थें। बूथ लेवल तक के नेता को आदमी लेकर पहुचंने का टारगेट दिया गया था।”
पत्रकार सुचित कुमार पांडे लिखते हैं कि, “मोदी का रोड शो फ्लॉप नहीं हुआ है हां मोदी पीओके पर कब्जा कर लेते तो इतनी भीड़ जुट जाती की गिनना मुश्किल हो जाता। इस बार मोदी के रोड शो का क्रेज नहीं था कारण ऑपरेशन सिंदूर पर पराय देश का हस्तेक्षप और पीओके -ब्लूच मुद्दे पर कामयाबी नहीं मिलना। बिहार में भाजपा और राजद के पास इतनी शक्ति है कि वो चंद घंटो में हजारों की भीड़ जुटा सकती है इसलिए मैं कह रहा हूँ मोदी का रोड शो फ्लॉप नहीं था. भीड़ बिल्कुल थी लेकिन इस भीड़ में क्रेज नहीं था. पटना के अन्य सड़कों पर मोदी मोदी का नारा नहीं गूंज रहा था।”

बिहार में पूर्व पत्रकार और भाजपा के सदस्य रह चुके मनीष कश्यप पीएम मोदी के रैली से दो दिन पहले चुनावी कॉन्फ्रेंस के दौरान कहते हैं कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुजरात महाराष्ट्र और दक्षिण के राज्यों में जो जनसभा होती है उनमें उतनी भी नहीं होती है, जितनी बिहार में होती है। भीड़ के पीछे कारण यह है कि स्थानीय नेता बसों में भर भर के दो सौ, पांच सौ और सौ रुपये का लालच देकर लोगों को इकट्ठा करते हैं।”
आगे उन्होंने कहा कि, “यहां इतनी भीड़ देखकर पीएम मोदी को लगता है सब चंगा है। अगर आप रिकॉर्ड उठा कर भी देखेंगे तो पीएम मोदी की 10 बड़ी रैलियां में सबसे अधिक भीड़ बिहार में ही होती है। अभी बिक्रमगंज में भाजपा नेता पांच से दस लाख भीड़ का दावा कर रहे हैं। अगर एक लाख लोगों की भीड़ होगी और गुजरात में 10000 लोगों की ही भीड़ होगी तो मोदी जी को तो यह लगेगा कि बिहार में ज्यादा विकास हो रहा है। इसलिए वह बिहार के विकास का जिम्मा यहां के नेताओं के जीभ में छोड़ देते हैं।”
आम लोगों को सुनिए
पटना में पीएम मोदी को सुनने आई आशा देवी 4 घंटा इंतजार करके मोदी को देखी। उसने कहा कि, “अगर मोदी जी उनसे मिल ले तो वो उनसे पैसा और बेटे के लिए रोजगार मांगेगी।”
पटना के रहने वाले दिलीप यादव बताते हैं कि, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आने से 2 दिन पहले राजधानी पटना के सबसे पॉश इलाके बोरिंग रोड में गोली चलाई गई थी। जिस रूट पर रोड शो हुआ सबसे ताज्जुब की बात है कि जिस इलाके में गोली चलाई गई, उस इलाके में कोई पेट्रोलिंग नहीं थी। पूरी की पूरी सरकार सुशासन और जीरो टॉलरेंस की बात करती है। ऐसे में पीएम के दौरे से ठीक पहले पटना में गोली कांड सामान्य घटना नहीं है, ये जंगल राज की याद दिलाता है।”
बेली रोड स्थित पुनई चक के रहने वाले गुड्डू मंडल कहते हैं कि,” पुलिस ने जबरदस्त बेरीकेडिंग की थी। जिससे बेली रोड के दक्षिण तरफ के लोगों को काफी दिक्कतें हुईं। उत्तर में कई वैकल्पिक रास्तों की वजह से ज्यादा परेशानी नहीं हुई।”
जनरल कंपटीशन की तैयारी करने वाला आशुतोष तिवारी बताता है कि “ऑपरेशन सिंदूर की हकीकत तकरीबन मुल्क का हर इंसान जनता है। इस लिए लोगों में दिलचस्पी की कमी रही होगी, चुनाव अभी कुछ महीनों के बाद है जिसे जीतने के लिए मोदी जी के पास मुद्दों की कमी नहीं और न ही संसाधनों की कमी है, यह रोड शो भी दिखावा है।
:: लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं ::