रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित कोल लेवी और DMF घोटाले के मामले में बड़ी खबर सामने आई है। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद रायपुर जेल में महीनों से बंद समीर बिश्नोई, सौम्या चौरसिया और रानू साहू को रिहा कर दिया गया है। तीनों को शनिवार सुबह रायपुर सेंट्रल जेल के पिछले गेट से रिहा किया गया।
सबसे पहले रानू साहू और सौम्या चौरसिया करीब 9 बजे महिला बंदी गृह से बाहर आईं और सबसे पहले जेल रहवासी परिसर में मंदिर गईं। इसके बाद वहीं से कार में बैठकर पीछे के रास्ते से निकल गईं।
करीब 10 बजे समीर बिश्नोई जेल से बाहर आए और वे भी रहवासी परिसर की तरफ गए। मंदिर जाकर वे भी कार से निकलने वाले थे तभी thelens.in की टीम पहुंच गई और वीडियो बनाने लगी। इस पर वे बोले ये प्राइवेट प्लेस हैं यहां वीडियो क्यों ले रहे हो। इस तरह उन्होंने बहस की। फिर अपने साथियों के साथ कार में बैठकर निकल गए।
जानकारी के अनुसार, सौम्या चौरसिया, रानू साहू और समीर बिश्नोई को कोल लेवी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था। इस घोटाले में 570 करोड़ रुपये के घपले का आरोप है। इसके अलावा डीएमएफ के मामले में भी दोनों महिला अफसरों को EOW ने गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अंतरिम जमानत दी थी, जिसके बाद रिहाई की प्रक्रिया पूरी की गई। रिहाई के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और तीनों को जेल के पिछले रास्ते से रवाना किया गया। इन तीनों अफसरों के अलावा रजनीकांत तिवारी, वीरेंद्र जायसवाल और संदीप नायक भी जमानत पर रिहा हुए हैं।
जमानत की शर्तों के तहत इन तीनों अफसरों को छत्तीसगढ़ राज्य से बाहर रहना होगा। इस मामले में अन्य आरोपियों की रिहाई की प्रक्रिया भी जल्द पूरी होने की संभावना है। यह मामला छत्तीसगढ़ की सियासत में लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है, और इस रिहाई ने एक बार फिर इसे सुर्खियों में ला दिया है।