नेशनल ब्यूरो/नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की रिपोर्ट आने के बाद जहां भाजपा की बांछें खिली हुई हैं, वह इसे विकास का सूचक बता रही है। वहीं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के ताजा बयान से आईएमएफ की सूची और सरकार की नीतियों पर नया विमर्श खड़ा हो गया है। आईएमएफ ने भारत को विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था बताया है। इधर, उपराष्ट्रपति के समर्थन में कांग्रेस भी खड़ी हो गई है।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि जब हम विकसित भारत की बात करते हैं तो इसका मतलब यह नहीं है कि हमारी अर्थव्यवस्था विश्व में किस नंबर पर है। विकसित भारत का वास्तविक मतलब यह है कि हर व्यक्ति की आय में आठ गुना वृद्धि होनी चाहिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह निश्चित होकर रहेगा और इसमें हमारे किसान को दूरदर्शी बनना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हमारा किसान केवल उत्पादन तक सीमित है, बड़े परिश्रम से फसलें उगाता है, उसके बाद उसकी उपयोगिता नगण्य हो जाती है। अब समय आ गया है कि देश का सबसे बड़ा व्यापार, जो कृषि उत्पादन से जुड़ा हुआ है, उसमें किसान अपनी भागीदारी बढ़-चढ़कर निभाए।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा है कि विकसित भारत को लेकर माननीय उपराष्ट्रपति के सूझबूझ भरे विचार समय के अनुरूप और बेहद जरूरी हैं। जो लोग नारे, फिल्मी डायलॉग्स और नाटकबाजी को ही शासन समझ बैठे हैं, उन्हें उनकी बातों को गंभीरता से सुनना चाहिए। दुर्भाग्यवश, जब उपराष्ट्रपति जी किसानों की चिंता उठाते हैं, जिनमें वे खुद भी शामिल हैं, तब भी उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया जाता है।