द लेंस डेस्क। पाकिस्तान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया बयान ( PM MODI BAYAN) को ‘नफरत फैलाने वाला’ करार दिया है जिसमें उन्होंने गुजरात के भुज में एक रैली के दौरान कहा था “सुख-चैन से जियो, अपनी रोटी खाओ, वरना मेरी गोली तो है ही।” यह बयान 26 मई 2025 को 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संदर्भ में आया था। दूसरी ओर भारत ने अपने बयान में शांति और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता की अपील की है।
पाकिस्तान का जवाब और शहबाज शरीफ की शांति वार्ता की पेशकश
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह “दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाने वाला और नफरत को भड़काने वाला” है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हाल ही में तेहरान में भारत के साथ कश्मीर, आतंकवाद, जल, और व्यापार जैसे मुद्दों पर शांति वार्ता की पेशकश की थी। हालांकि उन्होंने भारत के साथ बातचीत की इच्छा जताते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी संप्रभुता और सम्मान के साथ समझौता नहीं करेगा।
शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि वह इंडस जल संधि को फिर से लागू करने की मांग करते हैं जिसे भारत ने हाल ही में निलंबित कर दिया था। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि भारत के हमलों में कई नागरिक हताहत हुए जिसे भारत ने खारिज करते हुए कहा कि उसके निशाने केवल आतंकी ठिकाने थे।
मोदी का बयान: आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख
गुजरात के भुज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा “पाकिस्तान की जनता को आगे आना होगा और अपने देश को आतंकवाद से मुक्त करना होगा। आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते।” उन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई थी और इसे ‘राष्ट्र की आत्मा पर हमला’ करार दिया।
मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत की आतंकवाद के खिलाफ नीति का प्रतीक बताया, जिसमें भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा ‘हमने 15 दिन तक इंतज़ार किया कि पाकिस्तान आतंकवाद पर कार्रवाई करेगा, लेकिन आतंकवाद उनकी रोटी-रोजी बन गया है।’