द लेंस डेस्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने ईरान की राजधानी तेहरान में एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि वह भारत के साथ सभी मुद्दों पर बातचीत करने को तैयार हैं।
शरीफ ने कश्मीर, सिंधु जल संधि, आतंकवाद और व्यापार जैसे मुद्दों पर भारत के साथ संवाद की इच्छा जताई। भारत पहले ही साफ कर चुका है कि पाकिस्तान के साथ बातचीत पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) और आतंकवाद के मुद्दे पर ही होगी।
शहबाज शरीफ का यह बयान ईरान में देना कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच अपनी कूटनीतिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सख्त कार्रवाई की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। शरीफ की यह टिप्पणी तनाव कम करने और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने शांति की इच्छा जताने का प्रयास मानी जा रही है।
ईरान में यह बयान देना इसलिए भी अहम है क्योंकि ईरान भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ अपने रणनीतिक हितों को संतुलित करने की कोशिश कर रहा है। ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने शरीफ के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्षेत्रीय स्थिरता और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर जोर दिया, लेकिन भारत का जिक्र करने से बचते हुए इस्लामाबाद और तेहरान के बीच समान हितों पर ध्यान केंद्रित किया।
अमेरिका और वैश्विक समुदाय के लिए क्या मायने?
शहबाज शरीफ का यह बयान वैश्विक मंच पर भी चर्चा का विषय बन गया है। अमेरिका, जो हाल के महीनों में भारत के साथ आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता जता चुका है, ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को रोकने के लिए दबाव बढ़ाया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पहलगाम हमले के बाद भारत के प्रति समर्थन जताया और पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने को कहा।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान का यह बयान अमेरिका और सऊदी अरब जैसे देशों के दबाव का नतीजा हो सकता है, जो चाहते हैं कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने संबंध सामान्य करे।
भारत का सख्त रुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्रालय ने बार-बार कहा है कि पाकिस्तान के साथ किसी भी तरह की बातचीत केवल पीओके की वापसी और आतंकवाद पर केंद्रित होगी। भारत अब अपनी पुरानी नीति से हटकर एक सख्त और निर्णायक रणनीति अपना रहा है। हाल के ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को साफ संदेश दे दिया है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ कोई समझौता नहीं करेगा।