नई दिल्ली। फ्रांस के राफेल विमानों को लेकर भारत पाक के बीच मौजूदा टकराहट के बीच तमाम तरह की खबरें मिल रहीं हैं। एक तरफ दुनिया भर के देशों की निगाह इस बात पर है कि भारत अपने लड़ाकू जहाज़ों के बेड़े से राफेल को बाहर कर सकता है। दूसरी तरफ फ्रांसीसी मीडिया यह दावा कर रहा है कि भारत अब भी अपने 114 विमानों की खरीदी में डेसाल्ट एविएशन को अपनी पहली पसंद के तौर पर देख रहा है।
गौरतलब है कि अब तक इस बात का खुलासा नहीं हो पाया है कि भारत ने सीएनएन समेत तमाम मीडिया आउटलेट के दावों के अनुरूप मौजूदा जंग में अपना राफेल विमान खोया था या नहीं।
फ्रांस की सुप्रसिद्ध रक्षा वेबसाइट एविएशन लेजेंड्रिज ने दावा किया है कि अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बावजूद 114 लड़ाकू विमानों के अनुबंध में भारत डसॉल्ट एविएशन द्वारा उत्पादित राफेल एफ4 को अभी भी स्पष्ट पसंदीदा के रूप में देख रहा है। इनमें से कुछ का उत्पादन स्थानीय स्तर पर किया जाएगा। हालांकि एविएशन लेजेंड्रिज का मानना है कि इस बातचीत में अंतिम बाधा सोर्स कोड है जिसे भारत के बार बार मांगने के बावजूद फ़्रांस ने उपलब्ध नहीं कराया है। अगर यह दावा सही है तो बोइंग, लॉकहीड-मार्टिन, साब और सुखोई जैसी कंपनियों के लिए निराशा की बात होगी। आपको याद होगा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी को उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान F-35 बेंचने का प्रस्ताव रखा था।
सोर्स कोड की डिकोडिंग
भारत और पाकिस्तान की टकराहट के बीच फ्रांस द्वारा राफेल का सोर्स कोड न दिए जाने की चर्चा जोरों पर थी लेकिन इस बात का खुलासा नहीं हो पाया की वह सोर्स कोड कौन सा है जिसे देने से फ्रांस इंकार कर रहा है। यह कोड दरअसल वह नंबर हैं जिनसे भारत में निर्मित हथियार राफेल में इंस्टाल किये जा सकेंगे। यह कोड भारत को अपने वर्तमान और भविष्य के राफेल विमानों में स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित हथियारों को एकीकृत करने की अनुमति देगा।
डसॉल्ट एविएशन और उसके मुख्य साझेदार सफ्रान, थेल्स और एमबीडी भारतीय रक्षा उद्योगों के लाभ के लिए अपनी क्षमताओं की साझेदारी को लेकर सहमत नहीं हैं। इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि एप्पल वाच एप्पल फोन से कनेक्ट होकर ही चलती है और कोई वाच, एप्पल वाच से नहीं जोड़ सकती है।
एविएशन लेजेंड्रिज का दावा है कि भारतीय विशेष रूप से वायु-से-वायु तथा वायु-से-भूमि मिसाइलों के साथ-साथ सुदर्शन लेजर-निर्देशित मिसाइल को राफेल से एकीकृत करना चाहते हैं। हालाँकि, भारतीयों का इरादा राफेल के मूल हथियारों, मेटियोर मीका, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, SCALP-EG आदि क्रूज मिसाइलों और AASM निर्देशित हथियारों को छोड़ने का नहीं है।
90 विमान भारत में होंगे असेंबल
एविएशन लेजेंड्रिज का दावा है कि इंडियन एयरफोर्स मल्टी रोल फाइटर प्रोग्राम MRFA फ्रेंको-भारतीय समझौता पीएम नरेन्द्र मोदी और गणतंत्र के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बीच सरकार से सरकार के बीच में होने की संभावना है। यह याद रखना चाहिए कि कार्यक्रम के 114 नमूनों में से, डसॉल्ट एविएशन के जीतने की स्थिति में केवल पहले 24 का निर्माण फ्रांस में किया जाएगा। शेष को मेक-इन-इंडिया के तहत भारत में ही असेंबल किया जाएगा। यह याद रखा जाना चाहिए कि डेसाल्ट और भारत सरकार के बीच 26 राफेल विमानों की खरीद पर हस्ताक्षर डेढ़ साल की बातचीत के बाद संभव हो पाए थे।
इधर, इलाहाबाद में राफेल पर सवाल उठाने वाले छात्र पर मुकदमा
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के एक दलित पीएचडी शोधार्थी और छात्र नेता मनीष कुमार के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाने के मामले में केस दर्ज किया है। अखिल भारतीय छात्र संघ (AISA) के उत्तर प्रदेश राज्य अध्यक्ष मनीष कुमार ने फेसबुक पर पोस्ट कर राफेल को लेकर सवाल किए थे। मनीष ने राफेल सौदे और पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष में हुए कथित नुकसानों को लेकर सवाल उठाए। इस आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
इसे भी पढ़ें : फेक न्यूज की बमबारी ने बढ़ाया तनाव, अंतरराष्ट्रीय न्यूज एजेंसियों ने भी फैलाई भ्रामक सूचनाएं