रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार ने स्कूलों का युक्तिकरण करने का फैसला किया है। लेकिन, शिक्षक सरकार के इस फैसले से सहमत नहीं हैं। शिक्षकों के 23 संगठनों ने मिलकर सरकार 28 मई को मंत्रालय का घेराव करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि राज्य सरकार की विसंगतिपूर्ण युक्त युक्तिकरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्राथमिक शाला में दो शिक्षक कैसे पढ़ाएंगे? 2008 के सेटअप से छेड़छाड़ किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं करेंगे। इसे लेकर 23 संघटनों ने मिलकर प्रेसवार्ता की और 28 मई को मंत्रालय घेराव करने की जानकारी दी। (Teachers Protest)
प्रदेश शिक्षक संघ के नेता विरेंद्र दुबे का कहना है कि 2024 में जारी युक्तिकरण के निर्देशों पूर्व में भी समस्त शिक्षक संगठनों में विरोध किया था। उसके संबंध में सुझाव भी दिए थे। यद्यपि किसी भी शिक्षक संगठन का एकल शिक्षक की शिक्षक विहीन शाला में उपलब्ध कराने से कोई विरोध नहीं है। किंतु शिक्षकों के हितों को लेकर के जो भी संगतिया हैं। उसमें सभी शिक्षक संगठन सहमत हैं। सरकार को संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया है। मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, स्कूल शिक्षा सचिव और संचालक लोक शिक्षण संचालनालय को अवगत करा दिया गया है। हमने निर्णय लिया है कि 28 मई को सभी शिक्षक तूता माना धरना स्थल में प्रदर्शन करेंगे इसे बाद रैली निकालकर मंत्रालय का घेराव करेंगे।
यदि एक सप्ताह के भीतर हमारी मांगों पर हमारे विषयों पर संज्ञान लेकर के वार्ता के माध्यम से समाधान निकाले अन्यथा 28 में को सभी शिक्षक संगठन इकट्ठा होकर के मंत्रालय का घेराव करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। इसकी सारी जवाबदारी शासन- प्रशासन की होगी। समस्त शिक्षक संगठनों ने अपील की है की 28 में को मंत्रालय के घरों में सम्मिलित हों और युक्तिकरण के विरोध में प्रचार प्रचार करें और अपनी सहभागिता देवें।
शिक्षक संघ के प्रांत अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में चल रही युक्तिकरण की प्रक्रिया का कोई भी शिक्षक का कोई भी शिक्षक संगठन विरोध नहीं कर रहे हैं। ना प्रदेश की शिक्षक विरोध कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि एकल शिक्षक विद्यालय में सेटअप के विपरीत पदस्थापना हो रही है। उनको यहां पर पदस्थ किया जाए। लेकिन 2008 का जो सेटअप है। प्राथमिक शाला में वन प्लस 2 और माध्यमिक शाला में वनप्लस 4 इसको अगर छेड़छाड़ किया जाएगा तो हम लोग उसको बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसी संदर्भ में आज 23 संगठनों के मिलकर सामूहिक रूप से ज्ञापन दिया। हम 28 तारीख को मंत्रालय का घेराव करेंगे। इसकी पूरी जिम्मेदारी शासन- प्रशासन की होगी।