। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ ( MAN KI BAAT )के 122वें एपिसोड में छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा और कोरिया जिले की प्रेरणादायक कहानियों को देश के सामने रखा। माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शिक्षा, खेल और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ-साथ मधुमक्खी पालन के जरिए आत्मनिर्भरता की कहानियों ने श्रोताओं का दिल जीत लिया। पीएम ने इन क्षेत्रों में साहस, दृढ़ संकल्प और सामुदायिक प्रयासों की सराहना की जो देश के लिए प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं।
दंतेवाड़ा: माओवाद से शिक्षा की नई उड़ान
प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले को बदलाव की जीती-जागती मिसाल बताया। एक समय माओवादी हिंसा का गढ़ रहे इस जिले ने शिक्षा के क्षेत्र में शानदार उपलब्धियां हासिल की हैं। 10वीं बोर्ड परीक्षा में 95% परिणाम के साथ दंतेवाड़ा ने पूरे छत्तीसगढ़ में पहला स्थान हासिल किया जबकि 12वीं बोर्ड में यह जिला छठे स्थान पर रहा।

पीएम मोदी ने कहा, “यह वही दंतेवाड़ा है, जहां कभी माओवाद अपने चरम पर था। आज वहां शिक्षा का परचम लहरा रहा है।” उन्होंने इस उपलब्धि को स्थानीय लोगों के साहस और सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया। इसके साथ ही बस्तर ओलंपिक और माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में बने साइंस लैब का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि इन इलाकों के बच्चे न केवल खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, बल्कि विज्ञान के प्रति उनका जुनून भी प्रेरणादायक है।
कोरिया: ‘सोन हनी’ के साथ मधुर क्रांति
मन की बात में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के आदिवासी किसानों की अनूठी पहल की भी तारीफ की। उन्होंने बताया कि कोरिया में आदिवासी समुदाय ने ‘सोन हनी’ नाम से एक शुद्ध जैविक शहद ब्रांड विकसित किया है जो अब जेम जैसे ऑनलाइन पोर्टल्स पर बिक रहा है। यह न केवल स्थानीय स्तर पर आत्मनिर्भरता का प्रतीक है बल्कि वैश्विक बाजार में भी गांव की मेहनत को पहचान दिला रहा है।

पीएम ने कहा, “पिछले 11 वर्षों में मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में भारत ने एक ‘मीठी क्रांति’ देखी है।” उन्होंने बताया कि 10-11 साल पहले भारत में शहद उत्पादन 70-75 हजार मीट्रिक टन था, जो अब बढ़कर सवा लाख मीट्रिक टन के आसपास पहुंच गया है, यानी 60% की वृद्धि। इस सफलता में राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन की बड़ी भूमिका रही है जिसके तहत हजारों किसानों को प्रशिक्षण, उपकरण और बाजार तक पहुंच प्रदान की गई।
कोरिया की इस पहल को रेखांकित करते हुए पीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आदिवासी किसानों की मेहनत अब वैश्विक मंच पर चमक रही है। उन्होंने उत्तर प्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और अरुणाचल प्रदेश में मधुमक्खी पालन के जरिए आत्मनिर्भर बने हजारों महिलाओं और युवाओं का भी जिक्र किया।
माओवाद से मुख्यधारा तक का सफर
प्रधानमंत्री ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों के तेजी से मुख्यधारा में शामिल होने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “ये क्षेत्र अब विकास की नई इबारत लिख रहे हैं। शिक्षा, खेल और बुनियादी सुविधाओं का विस्तार इन इलाकों में सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है।” पीएम ने स्थानीय लोगों के साहस और जुनून की सराहना की, जिन्होंने तमाम चुनौतियों के बावजूद अपने जीवन को बेहतर बनाने का रास्ता चुना।