द लेंस डेस्क। (Israel-Gaza Escalation) गजा युद्ध की निंदा और इजरायली सरकार की नीतियों की आलोचना की आवाज अब इजरायल में उठनी शुरू हो गई है। इजरायली संसद में उस समय तनाव बढ़ गया जब अरब मूल के सांसद आयमन ओदेह ने गाज में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों को “बच्चों की हत्या और शैक्षिक संस्थानों का विनाश” करार दिया। उनके भाषण के दौरान ही हंगामा शुरू हो गया और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें जबरन मंच से हटा दिया।
ओदेह ने कहा, “पिछले एक साल से आपने 19,000 बच्चों और 53,000 नागरिकों की जान ली, सभी विश्वविद्यालयों और अस्पतालों को तबाह कर दिया। अब जब आपको कोई राजनीतिक सफलता नहीं मिल रही, आप बौखला गए हैं।” इसके बाद संसद में कई सांसद उनके खिलाफ खड़े हो गए और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मंच से उतार दिया, हालांकि वह जाते समय भी अपनी बात कहते रहे।
इस घटना का वीडियो अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान DW ने अपने शोसल मीडिया हैंडल पर शेयर किया है। जिसके बाद यह वीडियो पूरी दुनिया भर में वायरल है।
हमास के साथ जारी संघर्ष में इजरायल के सबसे बड़े सहयोगी अमेरिका ने भी गजा में बढ़ते भुखमरी संकट पर चिंता जताई है। इजरायल का कहना है कि जब तक हमास 58 इजरायली बंधकों को रिहा नहीं करता और पूरी तरह निशस्त्र नहीं होता, तब तक उसकी सैन्य कार्रवाइयां जारी रहेंगी।
गजा में अकाल जैसे हालात, भुखमरी के जोखिम में 93 हजार बच्चे
इजरायल-गजा संघर्ष इस वक्त भयावह दौर में है। 93 हजार बच्चों पर भुखमरी का जोखिम है। राहत शिविरों में अकाल जैसे हालात हैं। इजरायल की नाकाबंदी के कारण गजा में कोई भी खाद्य सामग्री, पानी, दवा या ईंधन नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।
संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि अगर तत्काल सहायता नहीं पहुंची तो अगले 48 घंटों में गजा में 14,000 बच्चे भुखमरी और बीमारियों के कारण अपनी जान गंवा सकते हैं।
गजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इस युद्ध में अब तक कम से कम 53,119 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,20,214 घायल हुए हैं। जिनमें 825 शिशु एक साल से कम उम्र के थे और 274 बच्चे जन्म के बाद मारे गए। वहीं, गजा के सरकारी मीडिया कार्यालय ने मृतकों की संख्या 61,700 से अधिक बताई है, जिसमें मलबे में दबे हजारों लोग शामिल हैं, जिन्हें मृत मान लिया गया है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि इजरायल द्वारा गजा पर लगाई गई लगभग तीन महीने की पूर्ण नाकाबंदी के कारण हजारों बच्चे भुखमरी के खतरे में हैं और उनकी जान को तत्काल खतरा है। संयुक्त राष्ट्र के राहत प्रमुख फिलिप लाजारिनी ने मंगलवार को ब्रसेल्स में यूरोपीय मानवीय मंच को संबोधित करते हुए कह चुके हैं कि गजा में हालात इतने भयावह हो चुके हैं कि राहत संगठनों के पास इसे बयान करने के लिए शब्द भी कम पड़ रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र और इसके अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के पास पहले गजा में 400 वितरण केंद्र थे, जो फिलिस्तीनियों की मदद के लिए काम करते थे। लेकिन अब केवल दक्षिणी गजा में कुछ ही सैन्यीकृत वितरण केंद्र बचे हैं। लोगों को 25 किलोग्राम तक वजनी पैकेट लेने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जो कि मौजूदा परिस्थितियों में बेहद मुश्किल है।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार गजा में प्रतिदिन 500 ट्रक रसद सामग्री की जरूरत है, जबकि आपूर्ति पांच ट्रक की हो रही है। यूनिसेफ ने कहा है कि गजा में हर बच्चा विस्थापन और युद्ध के दर्द से गुजर रहा है, जिसका उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है।
विस्थापित परिवारों की स्थिति दयनीय
गजा की 75 फीसदी से अधिक आबादी यानी करीब 17 लाख लोग, अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। कई परिवार बार-बार विस्थापन का शिकार हुए हैं और अब अस्थायी तंबुओं, कारों या खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। राफा और खान यूनिस जैसे इलाकों में लाखों लोग शरण लिए हुए हैं, लेकिन वहां भी बमबारी और असुरक्षित रास्तों ने हालात को और बदतर कर दिया है। एक विस्थापित व्यक्ति ने मीडिया को बताया, “राफा को सुरक्षित बताया गया था, लेकिन यहां न खाना है, न पानी, न ही कोई सहायता।”
2 मार्च 2025 से गजा में मानवीय सहायता पूरी तरह रुकी हुई है। खाद्य सामग्री, ईंधन, दवाइयां और बच्चों के लिए टीके खत्म हो चुके हैं। यूनिसेफ की एक रिपोर्ट में बताया गया कि 90 फीसदी लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं और केवल 10 फीसदी लोगों को पीने का साफ पानी मिल पा रहा है। साबुन और स्वच्छता सामग्री की कमी के कारण बीमारियां तेजी से फैल रही हैं। गजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने 10 लाख से अधिक संक्रामक बीमारियों के मामले दर्ज किए हैं।