द लेंस डेस्क। अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उसने अपने कर्मचारियों के इंटरनल ईमेल में ‘फिलिस्तीन’, ‘गाजा’ और ‘नरसंहार’ जैसे शब्दों को ब्लॉक करना शुरू कर दिया है। यह कदम तब सामने आया जब कंपनी के एक इंजीनियर ने माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला की स्पीच के दौरान ‘फ्री फिलिस्तीन’ के नारे लगाए। इस घटना ने कंपनी के इजराइल सरकार के साथ संबंधों और इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली तकनीकी सेवाओं को लेकर कर्मचारियों के बीच असंतोष को और बढ़ा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने अपने इंटरनल ईमेल सिस्टम में उन मेल्स को रोकना शुरू किया है, जिनमें ‘फिलिस्तीन’, ‘गाजा’ और ‘नरसंहार’ जैसे शब्द शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि ये मेल या तो घंटों देरी से पहुंचते हैं या फिर पूरी तरह गायब हो जाते हैं। कंपनी ने इस कदम को गैर-कार्य संबंधी सामूहिक संदेशों को सीमित करने के प्रयास के रूप में बताया है। हालांकि कर्मचारियों का आरोप है कि यह सेंसरशिप और पक्षपात का मामला है, खासकर तब जब प्रो-यूक्रेन या डीईआई (विविधता, समानता और समावेशन) से संबंधित मेल्स को अनुमति दी जा रही है।
यह विवाद तब और गहरा गया जब माइक्रोसॉफ्ट के बिल्ड डेवलपर कॉन्फ्रेंस में कर्मचारियों ने इजराइल की सेना के साथ कंपनी के अनुबंधों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी जो लोपेज, जो माइक्रोसॉफ्ट में चार साल से एज्योर हार्डवेयर सिस्टम्स एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर (एएचएसआई) में फर्मवेयर इंजीनियर के तौर पर कार्यरत हैं, उन्होंने सत्या नडेला के कीनोट स्पीच के दौरान चिल्लाकर कहा, “सत्या, आप माइक्रोसॉफ्ट के फिलिस्तीन में अपराधों को छिपा रहे हैं।” इसके बाद लोपेज ने एक इंटरनल ईमेल में अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं अब चुप नहीं रह सकता, क्योंकि माइक्रोसॉफ्ट फिलिस्तीनी लोगों के नरसंहार को सुविधा प्रदान कर रहा है।”
‘No Azure for Apartheid’ नामक एक समूह, जो माइक्रोसॉफ्ट के इजराइल के साथ संबंधों का विरोध करता है, ने दावा किया है कि कंपनी का एज्योर क्लाउड प्लेटफॉर्म इजराइल की सेना द्वारा बड़े पैमाने पर निगरानी और फिलिस्तीनियों पर हमलों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। समूह ने माइक्रोसॉफ्ट के दावे को “झूठ” करार दिया, जिसमें कंपनी ने कहा था कि उसने गाजा में अपनी तकनीक के दुरुपयोग की जांच की और कोई सबूत नहीं मिला।
माइक्रोसॉफ्ट ने इजरायली सेना को क्या दिया ?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट ने ये स्वीकार किया है कि उसने गाजा में युद्ध के दौरान इजरायली सेना को अपनी एआई और क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं प्रदान की थीं। इन सेवाओं ने बंधकों की खोज और उनके बचाव कार्यों में मदद की। हालांकि कंपनी को अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि उसके एज्योर प्लेटफॉर्म या एआई का उपयोग गाजा में लोगों को निशाना बनाने या नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया। यह युद्ध में माइक्रोसॉफ्ट की भूमिका की पहली सार्वजनिक पुष्टि है।