नेशनल ब्यूरो/नई दिल्ली। मध्य प्रदेश पुलिस ने गुरुवार को इंदौर के बहुचर्चित कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस का अपमानजनक कार्टून बनाया है। हेमंत के खिलाफ कुछ ही महीनों पहले उत्तराखंड में भी कार्टून बनाने पर मुकदमा दर्ज किया गया था। कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय का कहना है कि उन्हें इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उनके कार्टून सिस्टम पर सवाल उठाते हैं।
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और आरएसएस स्वयंसेवक विनय जोशी द्वारा दायर शिकायत में मालवीय पर अपने फेसबुक अकाउंट पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है, जिससे कथित तौर पर आरएसएस को बदनाम किया गया और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
इस मामले में एमपी पुलिस का कहना है कि शिकायत के आधार पर इंदौर के लसूड़िया थाने में धारा 196 (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी वर्ग के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करके उसकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का इरादा), 302 (किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर शब्द आदि बोलना), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), बीएनएस की धारा 353(2) (सार्वजनिक शरारत के लिए अनुकूल बयान) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67-ए (इलेक्ट्रॉनिक रूप में यौन रूप से स्पष्ट कृत्य आदि वाली सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस का कहना है कि कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। हम मामले की जांच कर रहे हैं। यह पहली बार नहीं है कि मालवीय, जिनके कार्टून राजनीतिक मुद्दों को छूते हैं, पुलिस द्वारा दर्ज किए गए हैं। 2022 में, उन पर योग गुरु रामदेव के अश्लील पोस्टर बनाने के आरोप में उत्तराखंड पुलिस ने मामला दर्ज किया था। महीनों बाद दिसंबर 2022 में पीएम मोदी की मां की मृत्यु के बाद कथित रूप से अपमानजनक बयान देने के लिए इंदौर में पुलिस ने उन पर मामला दर्ज किया।
मालवीय ने बताया कि दोनों मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। उन्होंने कहा, “मुझे मेरे कार्टूनों के लिए निशाना बनाया जा रहा है, जो प्रशासन पर सवाल उठाते हैं। दोनों आपराधिक मामलों में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की गई। रामदेव मामले में बदनामी मिलने के बाद से ही मैं राज्य में दक्षिणपंथियों के निशाने पर हूं।”
शिकायतकर्ता जोशी ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने मालवीय का फेसबुक अकाउंट खोला, तो उसमें कथित तौर पर ऐसी तस्वीरें, वीडियो और टिप्पणियां थीं, जिन्हें जानबूझकर आरएसएस के खिलाफ नफरत फैलाने के लिए पोस्ट किया गया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी और आरएसएस स्वयंसेवकों को निशाना बनाते हुए आपत्तिजनक, अपमानजनक और अपमानजनक कार्टून भी थे। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि भगवान शिव पर भी टिप्पणियां थीं, जिन्हें धार्मिक भावनाओं के लिए अपमानजनक माना जाता है।