रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ओरछा ब्लॉक के ग्राम बासिंग स्थित बीएसएफ कैम्प पहुंचे। जवानों को 21 मई को मिली सफलता के बाद सीएम साय ने उनके शौर्य और साहस की सराहना की। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों का हौसला आफजाई करते हुए कहा कि यह माओवाद के विरूद्ध अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। अब वो दिन दूर नहीं है जब बस्तर के माथे से माओवाद का कलंक हट जाएगा। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बल के जवानों को 50 मोटर बाइक पर हरी झंडी दिखाकर गस्त करने के लिए रवाना किया।
दरअसल, शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ओरछा ब्लॉक के ग्राम बासिंग स्थित बीएसएफ कैम्प पहंचे थे। यहां पर उन्होंने 21 मई को डीआरजी-बीएसएफ और जिला बल के द्वारा माओवादियों के विरूद्ध नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सरहदी पहाड़ियों में चलाए गए नक्सल विरोधी ऑपरेशन में 27 नक्सलियों को मार गिराने वाले जवानों की हौसला-अफजाई की। मुख्यमंत्री के साथ उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन मंत्री केदार कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह भी बासिंग पहुंचे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जवानों का हौसला दुर्गम पहाड़ों से भी ऊंचा है। नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में हमारे जवानों ने अदभुत, साहस, शौर्य और पराक्रम का परिचय दिया है। जवानों के बुलंद हौसलों से अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर से नक्सलवाद का नामोनिशान मिट जाएगा। बस्तर में अमन और शांति लाने में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जवानों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों ने जिस तरह उच्च स्तरीय रणनीति बनाकर ऑपरेशन को अंजाम दिया और कामयाबी हासिल की वह काबिले-तारीफ है। फोर्स के इस अदम्य साहस और शौर्य को नमन है। अब वह दिन दूर नहीं जब बस्तर के माथे से माओवाद का कलंक पूरी तरह से मिट जाएगा। बस्तर के अंदरूनी इलाके, जहां कुछ साल पहले तक जाना भी संभव नहीं था, वहां अब शिक्षा, स्वास्थ्य, जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन और निर्माण कार्यों में अब गति आएगी।