रायपुर। भारत- पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य टकराव के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को भारी नुकशान झेलना पड़ा है। छत्तीसगढ़ के जिंदल स्टील प्लांट ने इन पीड़ित परिवारों के पुनर्वास में का सहयोग करने का निर्णय लिया है। स्टील प्लांट के 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी अपने एक दिन की सैलरी पीड़ित परिवारों के पुनर्वास के लिए दे रहें हैं। प्लांट के चेयरमैन और कुरुक्षेत्र से लोकसभा सांसद नवीन जिंदल ने राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा की है। (Jindal Steel Plant)
उन्होंने कहा कि सीमा पर रहने वाले हमारे नागरिक भी सैनिकों से कम नहीं हैं। उनका साहस, धैर्य और बलिदान प्रेरणास्पद है। आज जब वे कठिनाई में हैं, तो उनकी सहायता करना हम सभी का नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है। हम देशवासियों से अपील करते हैं कि वे भी इस पुनीत कार्य में योगदान दें। जिन्दल स्टील का यह योगदान कोई नया उदाहरण नहीं है। इससे पूर्व भी कंपनी ने कोविड-19 संकट के दौरान देशभर में ऑक्सीजन आपूर्ति से लेकर मुफ्त भोजन वितरण तक अनेक राहत कार्य किये थे और पीएम केयर्स फंड में 25 करोड़ रुपये का योगदान दिया था। 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कंपनी ने सहायता की थी। इस तरह जिन्दल स्टील हर संकट में राष्ट्र के साथ खड़ी रही है।