रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में EOW आबकारी अफसरों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। EOW को शराब घोटाले की दर्ज एफआईआर में नामजद अधिकारियों के खिलाफ शासन ने अभियोजन की स्वीकृति दे दी है। आबकारी घोटाला मामलें मे EOW ने 21 आबकारी अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज की थी। EOW ने समान्य प्रशासन विभाग को आबकारी अधिकारियों के अभियोजन के लिए पत्र लिखा था। इस पत्र पर EOW को स्वीकृति मिली है।
चूंकि EOW को अभियोजन की स्वीकृति मिल चुकी है तो EOW संबंधित अधिकारियों को गिरफ्तार कर सकती है। इससे पहले भी EOW ने आबकारी अधिकारियों को पूछताछ के लिए मुख्यालय बुलाया था। इस दौरान अधिकारियों से घंटो तक पूछताछ की थी। EOW ने आबककारी घोटाला मामले में 31 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इनमें 21 आबकारी विभाग के अधिकारी हैं।
इनमें से एक अधिकारी की कुछ माह पहले मृत्यु हो चुकी है। बाकी के 20 अधिकारी अभी भी आबकारी विभाग के विभिन्न पदों पर बने हुए हैं। इनमें राज्य स्तरीय उड़नदस्ता, संभाग स्तरीय उड़नदस्ता, जिला आबकारी अधिकारी और उपायुक्त के पद शामिल हैं। अभियोजन स्वीकृति जिन 21 अधिकारियों के खिलाफ मिली है। इनमें जनार्दन कौरव (सहायक जिला आबकारी अधिकारी), अनिमेष नेताम, विजय सेन शर्मा (उपायुक्त), अरविंद पाटले, प्रमोद नेताम, रामकृष्ण मिश्रा, विकास गोस्वामी (सहायक आयुक्त), इकबाल खान, नितिन खंडुजा, नवीन प्रताप सिंह तोमर, मंजु केसर, सौरभ बख्शी, दिनकर वासनिक, अशोक सिंह, मोहित जायसवाल, नीतू नोतानी, रविश तिवारी, गरीबपाल दर्दी, नोहर सिंह ठाकुर (जिला आबकारी अधिकारी स्तर तक) के प्रमुख नाम हैं।
आबकारी घोटाला मामले में EOW ने कार्रवाई करते हुए पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व IAS अनिल टुटेजा, अरूणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, अरविंद सिंह, औक त्रिलोक सिंह ढिल्लन को गिरफ्तार किया था।