रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री और रायपुर पश्चिम से विधायक राजेश मूणत ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्काईवॉक परियोजना को लेकर विस्तार से जानकारी दी और पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि 2016-17 के बजट प्रावधान में जय स्तंभ चौक से लेकर जेल तिराहे तक स्काईवॉक निर्माण की स्वीकृति मिली थी, और 2017 में इसका निर्माण कार्य भी शुरू हुआ था। प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद ही टेंडर जारी किया गया था, लेकिन कांग्रेस सरकार की अनदेखी के कारण यह परियोजना अधर में लटक गई। स्काईवॉक के कांग्रेस की तरफ से लगातार किए जा रहे विरोध को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस हर अच्छे निर्माण का विरोध करती है। बाद में जब वह बन जाती है तो उसका इस्तेमाल भी खुद ही करते हैं। राजेश मूणत के इस बयान से एक बार फिर रायपुर की स्काईवॉक परियोजना को लेकर राजनीतिक बहस गरमा सकती है।
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राजेश मूणत ने बताया कि सरकार द्वारा नियमानुसार एजेंसी चयन की प्रक्रिया पूरी की गई थी और सर्वे के बाद नगर निगम महापौर किरणमयी नायक, कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा और प्रमोद दुबे समेत अन्य जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया था। उन्होंने कहा, “जनता के सुझावों के आधार पर अंतिम डिजाइन तैयार किया गया और दिसंबर 2017 में कार्य प्रारंभ हुआ।”
पूर्व मंत्री ने दावा किया कि कांग्रेस ने इस विषय को विधानसभा में गंभीरता से नहीं लिया। विधानसभा में कांग्रेस ने इस पर कभी भी आपत्ति दर्ज नहीं की। रेणु जोगी को छोड़कर किसी भी कांग्रेस नेता ने इस पर कोई सवाल नहीं उठाया।
सर्वे को फर्जी बताया, लेकिन उनकी सरकार के ही कलेक्टर ने इसे जरूरी बताया
राजेश मूणत ने कहा, ‘कांग्रेस की सरकार ने 2018 से लेकर 2023 तक तीन जांच सामिति बनाई। विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में एक जांच समिति थी। मुख्यसचिव की अध्यक्षता में एक प्रशासनिक जांच समिति थी। और रायपुर कलेक्टर भारतीदासन की अध्यक्षता में एक समिति थी। तीनों ने ही इस निर्माण का पूरा करने की बात कही थी।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘कांग्रेस सरकार ने स्काईवॉक के सर्वे को फर्जी बताकर आरोप लगाए, लेकिन जब उन्होंने खुद समिति बनाकर जांच कराई तो कलेक्टर भारती दासन की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा गया कि यह परियोजना आवश्यक है।’ उन्होंने बताया कि इस मामले में ईओडब्ल्यू ने भी जांच के बाद 2018 में क्लीन चिट दी थी।
उन्होंने आगे बताया कि स्काईवॉक में हर स्थान पर एस्केलेटर और मरीजों के लिए लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। दुकानों के डिजाइन और जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए योजना तैयार की गई थी। लेकिन तकनीकी कारणों से काम समय पर पूरा नहीं हो पाया, और सरकार बदलने के बाद नई सरकार ने इस परियोजना को ही ठंडे बस्ते में डाल दिया।
उन्होंने कहा कि 2024 में इस परियोजना की पूरी रिपोर्ट मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को सौंपी गई है, ताकि निर्माण कार्य को पूरा किया जा सके। मूणत ने कहा कि हमने किसी भी प्रोजेक्ट को शुरू करने से पहले प्रशासनिक स्वीकृति ली। सर्वे किया। डिजाइन तैयार कराया। इसके बाद भूमिपूजन किया। कांग्रेस ने क्या किया?
5 साल में कांग्रेस ने एक भी नया कार्य नहीं किया
मूणत ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि पिछली सरकार ने पांच वर्षों में एक भी नया कार्य नहीं किया। शारदा चौक चौड़ीकरण का कोई सर्वे नहीं हुआ, फिर भी भूमि पूजन कर दिया गया। जवाहर बाजार के लिए न ड्राइंग, न डिजाइन, न टेंडर फिर भी भूमि पूजन कर दिया गया। जहां निर्माण हुआ है वहां न टेंडर का पता था और न ही सर्वे का। नेताओं को जब मन आया तब कोई नया प्रोजेक्ट शुरू कर दिया, वो भी बिना टेंडर, बिना सर्वे के। 5 साल के भीतर रायपुर में कांग्रेस के मुख्यमंत्री ने सिर्फ भूमि पूजन किया। हमने वह काम नहीं किया था। हमने पहले प्रशासनिक स्वीकृति ली, डिजाइन बनाया, सर्वे रिपोर्ट ली, टेंडर बनाया, फिर काम शुरू किया।