रायपुर। धमतरी में गंगरेल बांध के निर्माण में 52 गांव डूब गए। डूबे हुए गांव के लोगों का व्यवस्थापन किया जाना था। लेकिन, कई साल बीत जाने के बाद भी व्यवस्थापन नहीं हुआ है। इस मसले को लेकर 52 गांव के लोगों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया। साथ ही प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी (Protest) भी की।
पीड़ित ग्रामीणों ने प्रशासन पर हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। गंगरेल डूबान प्रभावित संघ के कार्यकारी अध्यक्ष हर्ष मरकाम ने बताया कि बांध बनने से घर, खेत, जमीन सब डूब गया। सरकार ने पुनर्वास का वादा किया था, लेकिन आज तक यह वादा पूरा नहीं हुआ है। न्याय के लिए धमतरी से रायपुर तक दौड़ लगाई। विधायक, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिले। हाईकोर्ट में याचिका लगाई।कोर्ट ने 3 महीने में व्यवस्थापन पर रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन शासन ने नहीं दी। इससे नाराज होकर अब आंदोलन शुरू किया गया है।
मंगलवार को भी नाराज डूब प्रभावितों ने जोगीडीह गांव में धरना दिया था। दोपहर में बड़ी संख्या में लोग यहां प्रदर्शन में शामिल हुए थे। प्रदर्शन के दौरान गांव वालों से विवाद की स्थिति बन गई। पुलिस द्वारा समझाइश देने के बाद डूब प्रभावित गांधी मैदान लौट आए और वहीं धरना दिया।