रायपुर। दुर्ग के श्री शंकरा चार्य मेडिकल कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. शिवेंद्र सिंह तिवारी को 15 दिनों के लिए सस्पेंड (suspended) कर दिया है। राजनीतिक बयान पर कटाक्ष के लिए उन्हें सस्पेंड किया गया है। इस दौरान कॉलेज की हाईपॉवर कमेटी जांच करेगी। कॉलेज की तरफ से लिए गए एक्शन के अलावा मेडिकल काउंसिल ने भी उन्हें कारण बताओं नोटिस जारी कर उपस्थित होने के लिए कहा है। श्री शंकराचार्य इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल कॉलेज (SSIMS) के डीन ने सस्पेंड लेटर जारी किया है। चिकित्सा शिक्षा के संचालक को भी इस पत्र की प्रतिलिपि भेजी गई है।

दरअसल, डॉ. शिवेंद्र तिवारी कॉलेज में पढ़ाने के अलावा दुर्ग अपना क्लीनिक भी चलाते हैं। यूरोलॉजिस्ट, एंड्रोलॉजिस्ट और किडनी ट्रांसप्लांट सर्जन डॉ. तिवारी ने एक विज्ञापन निकाला, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘पानी और खून एक साथ नहीं’ वाले बयान का कटाक्ष माना गया। विज्ञापन में लिखा था, ‘ खून और पानी एक साथ नहीं बह सकता – प्रधानमंत्री, इसलिए अगर पेशाब के साथ खून आ रहा है तो तत्काल यूरोलॉजी से सलाह लें। यह गंभीर है। ‘ ये लाइनें अंग्रेजी में लिखीं थी। इसके साथ ही डॉ. तिवारी ने अपनी फोटो लगाई थी और अपने क्लीनिक का पता लिखा था।
कॉलेज की तरफ से भेजे गए सस्पेंशन लेटर में लिखा था कि आपने खुद का विज्ञापन दिया, जिसे वॉट्सऐप और सोशल मीडिया में वायरल किया गया। आपका यह कृत्य मेडिकल पर्सनल के तौर पर रिस्पॉनसिबल नहीं है। आपके खिलाफ तत्काल एक्शन लिया गया है। आपको हर दिन 9 बजे दफ्तर में रिपोर्ट करना होगा। प्रशासन ने एक हाईपॉवर कमेटी बनाई है, जो इस पूरे मामले की जांच करेगी और 48 घंटे में रिपोर्ट प्रशासन को देगी।