अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब एक नया पत्ता फेंक कर मोदी सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। कतर पहुंचे ट्रंप ने खुलासा किया है कि उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी एप्पल के प्रमुख टिम कुक से कहा है कि वह भारत में अपने प्लांट लगाना बंद करें, भारत अपना खयाल खुद रख लेगा। इस क्रम में उन्होंने यह दावा भी किया है कि भारत ने अमेरिका के साथ जीरो टैरिफ की पेशकश की थी, हालांकि इस पर भारत का पक्ष सामने नहीं आया है। गौर किया जाना चाहिए कि ट्रंप का यह बयान अमेरिका और चीन के बीच हुई कारोबारी सुलह के 48 घंटों के भीतर आया है और यदि हम अल्पकालिक स्मृति लोप का शिकार न हों, तो भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के एलान के पांच दिन बाद! ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत उन देशों में है जहां ज्यादा टैरिफ है। वास्तव में बीते हफ्ते भर के घटनाक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने दिखा दिया है कि वह हर रिश्ते को कारोबार के चश्मे से देखते हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच कथित सुलह कराने और संघर्ष विराम के लिए राजी करने के उनके दावे को भी इसी तरह देखना चाहिए। दरअसल सवाल मोदी सरकार से है कि वह बदले हालात में डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका से भारत के रिश्ते को कैसे देखती है और इस रिश्ते में वह भारत के हितों का कैसे खयाल रख रही है।