द लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में एप्पल की उत्पादक इकाइयों को लेकर चौंकाने वाला बयान दिया है। दोहा में व्यापारिक नेताओं के सम्मेलन में ट्रंप ने कहा, भारत में आईफोन बनाने की जरूरत नहीं, अमेरिका में बढ़ाएं प्रोडक्शन। उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक से कहा था कि वह भारत में कारखाने नहीं चाहते, क्योंकि भारत दुनिया के सबसे ऊंचे शुल्क वाले देशों में से एक है।
डोनाल्ड ट्रंप ने एप्पल के सीईओ टिम कुक को अमेरिका में विनिर्माण बढ़ाने का निर्देश देते हुए कहा कि भारत में एप्पल की मैन्युफैक्चरिंग में उनकी कोई रुचि नहीं है। ट्रंप ने कहा, “हमने चीन में एप्पल के प्लांट्स को लंबे समय तक सहन किया, लेकिन अब आपको अमेरिका में उत्पादन करना होगा। भारत अपना ख्याल खुद रख सकता है।” यह बयान तब आया है जब भारत में एप्पल तेजी से अपने उत्पादन का विस्तार कर रहा है, जिससे इसके भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, जहां 2024 में दोनों देशों के बीच 129 अरब डॉलर का व्यापार हुआ। भारत का अमेरिका के साथ 45.7 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष है, जिसे ट्रंप ने भारत के उच्च शुल्कों का परिणाम बताते हुए इसे “शुल्क दुरुपयोग” करार दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत “शून्य-के-बदले-शून्य” नीति के तहत 90% अमेरिकी निर्यात पर शुल्क-मुक्त सुविधा दे सकता है, लेकिन ऑटो और कृषि जैसे क्षेत्रों में रियायतें देना चुनौतीपूर्ण होगा।
हालांकि, अमेरिका-चीन व्यापार समझौते के तहत 90 दिनों के लिए टैरिफ निलंबन और एप्पल के अमेरिका में निवेश बढ़ाने की ट्रंप की मांग ने भारत में एप्पल की योजनाओं पर असर डाला है। टिम कुक ने पहले कहा था कि टैरिफ के कारण एप्पल को इस तिमाही में 900 मिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हो सकता है। भारत ने अभी तक ट्रंप के बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
इस बीच, केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल 16 मई को अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं, जहां वे व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह दौरा ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक दोगुना करने के लक्ष्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। भारत ने हाल ही में यूके और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA) के साथ व्यापार समझौते किए हैं, जो उसकी व्यापार के प्रति खुली नीति को दर्शाते हैं।
एप्पल का भारत में कारोबार
भारत वर्तमान में एप्पल के लिए एक महत्वपूर्ण विनिर्माण केंद्र बन रहा है। तमिलनाडु और कर्नाटक में तीन आईफोन असेंबली प्लांट्स के साथ एप्पल ने मार्च 2025 तक पिछले 12 महीनों में 22 अरब डॉलर मूल्य के आईफोन का उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 60% अधिक है। टाटा ग्रुप जो एप्पल का प्रमुख सप्लायर है, उसने हाल ही में विस्ट्रॉन कॉर्प का स्थानीय कारोबार खरीदा और पेगाट्रॉन कॉर्प के कार्यों को भी संभाला है। फॉक्सकॉन और टाटा दक्षिण भारत में नए प्लांट्स स्थापित कर उत्पादन क्षमता बढ़ा रहे हैं।