महू। मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह पर एफआईआर (FIR) दर्ज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद महू के मानपुर थाने में एफआईआर की गई है। बीएनएस की धारा 196 बी, 197 (1) सी के तहत दर्ज मामला हुआ है। मंत्री शाह ने महू के मानपुर थाना क्षेत्र के रायकुंडा गांव में आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसके बाद देशभर में उनके खिलाफ एफआईआर की मांग उठी थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था।बुधवार दोपहर हाईकोर्ट जबलपुर जस्टिस अतुल श्रीधरन की बेंच ने डीजीपी को एफआईआर के आदेश दिए थे।

एफआईआर के बाद यह खबर आ रही है कि विजय शाह का मंत्री पद जा सकता है। केंद्रीय संगठन से हरी झंडी मिल गई है। इसके अलावा उन्हें भाजपा से भी निकाले जाने की खबर आ सकती है। बता दें कि मंत्री के बयान के बाद हाईकोर्ट ने बीएनएस की धारा 152 के तहत एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन पुलिस की तरफ से बीएनएस की धारा 196 बी, 197 (1) सी के तहत एफआईआर की गई है। धारा 196 और 197 (1) सी भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) में अपराधों से संबंधित हैं। धारा 196 झूठे साक्ष्य को उपयोग करने या बनाने के बारे में है, जबकि धारा 197 (1) सी झूठे दस्तावेज जारी करने या उस पर हस्ताक्षर करने सेे संबंधित है।
मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए बयान पर हाईकोर्ट (High Court) ने स्वत: संज्ञान लिया है। महू में जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने भारतीय सेना की प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादित बयान दिया था।
मंत्री विजय शाह ने कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का सम्मान और मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर बदला ले सकते हैं।’
इसके बाद मंत्री विजय शाह ने एक एजेंसी से बात करते हुए कहा कि कर्नल सोफिया कुरैशी मेरे लिए सगी बहन से बढ़कर हैं, जिन्होंने उनका बदला लिया। मेरा किसी को ठेस पहुंचाने का ना तो कोई इरादा था और ना ही कोई इच्छा। अगर मेरी किसी बात से किसी को बुरा लगा हो, तो मैं दिल से माफी मांगता हूं।