केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE BOARD EXAM RESULTS) ने कक्षा 12वीं के 2025 के परिणाम घोषित कर दिए हैं और इस बार भी छात्र-छात्राओं ने शानदार प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इन सबके बीच सबसे बड़ी खबर यह है कि लगभग 25,000 छात्रों ने 95% से अधिक अंक हासिल किए हैं जो कड़ी मेहनत और लगन का जीता-जागता सबूत है।
सफलता की कहानी, नंबरों की जुबानी
इस साल CBSE कक्षा 12वीं का कुल पास प्रतिशत 88.49% रहा जो पिछले साल (87.98%) से 0.51% अधिक है। यह छोटा सा अंतर लाखों छात्रों की मेहनत को दर्शाता है। कुल 17,04,367 छात्रों ने परीक्षा के लिए पंजीकरण कराया था जिनमें से 16,92,794 ने परीक्षा दी और 14,96,307 पास हुए।
95% से अधिक अंक पाने वाले सितारे
इस साल करीब 25,000 छात्रों ने 95% से ज्यादा अंक हासिल किए जो पिछले साल की तुलना में एक बड़ी उपलब्धि है। वहीं, 1,15,000 से अधिक छात्रों ने 90% से ऊपर स्कोर किया। यह आंकड़ा बताता है कि छात्र न केवल पास हो रहे हैं बल्कि उच्चतम अंकों के साथ अपनी जगह बना रहे हैं।
लड़कियों ने फिर मारी बाजी
लड़कियों ने इस बार भी लड़कों को पीछे छोड़ दिया। कक्षा 12वीं में लड़कियों का पास प्रतिशत 91.64% रहा जबकि लड़कों का 85.70%। यानी लड़कियां लड़कों से 5.94% आगे रहीं। यह ट्रेंड पिछले कई सालों से जारी है और लड़कियों की शिक्षा में बढ़ती भागीदारी को दर्शाता है।
क्षेत्रीय प्रदर्शन का जलवा
क्षेत्रीय स्तर पर विजयवाड़ा रीजन ने 99.60% पास प्रतिशत के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके बाद त्रिवेंद्रम (99.32%), चेन्नई (97.39%), और दिल्ली पश्चिम रीजन (95.17%) का नंबर रहा। लेकिन सबसे कम पास प्रतिशत प्रयागराज रीजन में देखा गया जो 79.53% रहा। यह अंतर क्षेत्रीय शिक्षा व्यवस्था और संसाधनों में असमानता की ओर इशारा करता है।
संस्थानों की टक्कर
स्कूलों की बात करें तो जवाहर नवोदय विद्यालय (JNV) ने 99.29% पास प्रतिशत के साथ पहला स्थान हासिल किया, जबकि केंद्रीय विद्यालय (KV) 99.05% के साथ दूसरे नंबर पर रहा। सरकारी स्कूलों का पास प्रतिशत 90.48% रहा जो पिछले साल से बेहतर है। यह दिखाता है कि सरकारी स्कूल भी अब निजी स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कॉलरशिपCBSE ने इस साल 1,159 लड़कियों को सिंगल गर्ल चाइल्ड स्कॉलरशिप के लिए योग्य घोषित किया जो लड़कियों की शिक्षा को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
क्या बनाता है इन आंकड़ों को खास?
25,000 छात्रों का 95% से अधिक अंक हासिल करना यह दर्शाता है कि आज की पीढ़ी न केवल प्रतिस्पर्धी है, बल्कि उच्च शिक्षा और करियर के लिए तैयार भी है। लड़कियों का लगातार बेहतर प्रदर्शन लैंगिक समानता की ओर बढ़ते कदमों को दिखाता है। वहीं क्षेत्रीय और संस्थागत प्रदर्शन में अंतर शिक्षा नीतियों पर पुनर्विचार की जरूरत को रेखांकित करता है।
फिलहाल जो छात्र अपने परिणामों से संतुष्ट नहीं है वे अंकों के सत्यापन या सुधार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा एक या दो विषयों में असफल छात्रों के लिए कंपार्टमेंट परीक्षा का मौका भी होगा। CBSE की यह पहल सुनिश्चित करती है कि हर छात्र को अपनी प्रतिभा दिखाने का पूरा अवसर मिले अधिक जानकारी के लिए CBSE की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in देखें ।