भारतीय क्रिकेट के इतिहास का यह एक विरल क्षण है, जब दो दिग्गजों ने पखवाड़े भर के अंतराल में टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया। एक दशक से भी लंबे समय तक भारतीय टेस्ट क्रिकेट में अपनी धमक बनाए रखने वाले रोहित शर्मा और विराट कोहली की विदाई भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत है। यदि आधुनिक क्रिकेट की बात करें, तो यह सिलसिला सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की चौकड़ी से शुरू हुआ और फिर उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग और युवराज सिंह की तिकड़ी से होते हुए विराट और रोहित की जोड़ी तक आया है। समकालीन होते हुए भी विराट और रोहित न केवल बल्लेबाजी के अपने कौशल, बल्कि कप्तानी के अपने मिजाज से भी अलग रहे हैं। इसके बावजूद दोनों की टीम में मौजूदगी ने भारत के क्रिकेट प्रेमियों को हमेशा आश्वस्त किया। यह उल्लेख किया ही जाना चाहिए कि रोहित से दो साल पहले 2011 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेलते हुए टेस्ट क्रिकेट में कदम रखने वाले विराट ने 123 टेस्ट मैचों में 30 शतकों के साथ शानदार योगदान दिया है, जो नए खिलाड़ियों को प्रेरित करता रहेगा। वहीं रोहित 67 टेस्ट मैचों में 12 शतक ही बना सके। क्रिकेट की चकाचौंध से इतर यह भी गौर किया जाना चाहिए कि रोहित और विराट दोनों ने बहुत सामान्य पारिवारिक पृष्ठभूमि से निकल कर क्रिकेट में न केवल अपनी जगह बनाई, बल्कि देश को गौरव के अनेक क्षण भी दिए हैं
टेस्ट क्रिकेट में एक युग का अंत
