द लेंस रिसर्च डेस्क। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव का फायदा चीन को हो रहा है। यह बात अजीब लग सकती है लेकिन सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से आई कुछ मीडिया रिपोर्ट इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि मौजूदा समय में दोनों देशों के बीच जारी सैन्य संघर्ष का डेटा चीन चुरा रहा है। चीन में निर्मित J-10C फाइटर जेट और PL-15 मिसाइलों का इस्तेमाल पाकिस्तान भारत के खिलाफ कर रहा है। आधुनिक संचार तकनीक से लैस इन हथियारों से जो रियल टाइम डेटा मिल रहा है, वह किसी भी टेस्टिंग रेंज में संभव नहीं है।
समाचार एजेंसी रायटर ने भी इसी पर रिपोर्ट की है, जिसके अनुसार चीन ने हिंद महासागर में भी अपनी खुफिया गतिविधियों को बढ़ाया है। चीन ने हाल के वर्षों में अंतरिक्ष ट्रैकिंग जहाजों, समुद्र विज्ञान अनुसंधान और मछली पकड़ने वाले जहाजों को लंबी तैनाती पर भेजा है। चीनी नौसेना ने हिंद महासागर में युद्धपोतों की व्यापक तैनाती से परहेज किया है, लेकिन अन्य जहाजों के माध्यम से सक्रिय रूप से खुफिया जानकारी जुटा रहा है।
भारत और चीन दोनों क्षेत्रीय महाशक्तियां और परमाणु शक्ति संपन्न देश लंबे समय से रणनीतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। दोनों के बीच 3,800 किलोमीटर लंबी हिमालयी सीमा है, जो 1950 के दशक से विवादित है और 1962 में युद्ध का कारण बनी थी।
मछली पकड़ने वाली जहाजों से निगरानी
पेंटागन की रिपोर्ट भी इस बात की तस्दीक करती है कि चीन के मछली पकड़ने वाले बेड़े नियमित रूप से खुफिया जानकारी जुटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। ओपन सोर्स ट्रैकर डेमियन सायमन ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, “ये जहाज निगरानी पोस्ट के रूप में काम कर सकते हैं, जो गतिविधियों और प्रतिक्रिया पैटर्न को ट्रैक करते हैं और चीन की नौसेना को खुफिया जानकारी भेजते हैं।”
इसके साथ ही चीन ने अपने सैटलाइट और सर्विलांस शिप को हाई अलर्ट पर रखा है, जो इंडियन एयरफोर्स की हर हरकत, राडार सिस्टम, मिसाइल और सैन्य गतिविधियों पर नजर रखते हैं। यानी भारत भले ही पाकिस्तान की सैन्य ताकत को कमजोर करने में लगा है, लेकिन असली बढ़त चीन ले रहा है जो भविष्य में उसकी सैन्य तकनीक को और उन्नत बनाएगा।
सुरक्षा विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि चीन सैन्य तकनीक के मामले में इतना उन्नत हो चुका है कि वह अपनी सीमा पर लगाए उपकरणों, हिंद महासागर में तैनात बेड़े और अंतरिक्ष से भारत की गतिविधियों पर वास्तविक समय में नजर रख सकता है।
267 सैटलाइट से कर रहा निगरानी
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि दोनों देशों ने सीमा पर अपनी सैन्य सुविधाओं और क्षमताओं को मजबूत किया है, लेकिन अंतरिक्ष से खुफिया जानकारी जुटाने में चीन कहीं आगे है। लंदन स्थित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआईएसएस) के अनुसार चीन के पास 267 उपग्रह हैं, जिनमें 115 खुफिया निगरानी और 81 सैन्य निगरानी के लिए हैं। इस तरह की तकनीक इस्तेमाल करने के मामले में सिर्फ अमेरिका ही चीन से आगे है।
पहली बार युद्ध में इस्तेमाल हुई पीएल-15 मिसाइल
चीन निर्मित PL-15 मिसाइल का इस्तेमाल पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ किया है, जिसे “थंडरबोल्ट-15” के नाम से भी जाना जाता है। मिसाइल के अवशेष पंजाब के होशियारपुर और बठिंडा में बरामद हुए, जिसमें होशियारपुर में मिली मिसाइल लगभग पूरी तरह बरकरार थी। यह भारतीय वायुसेना और उसके सहयोगियों के लिए एक महत्वपूर्ण खुफिया उपलब्धि मानी जा रही है, क्योंकि यह पहला अवसर है जब पीएल-15 का युद्ध में उपयोग हुआ है। पाकिस्तान ने JF-17 ब्लॉक III और J-10C लड़ाकू विमानों से PL-15 मिसाइलों का उपयोग किया।