द लेंस डेस्क। भारत के तीखे विरोध के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के लिए 2.4 बिलियन (अरब) डॉलर के कर्ज को मंजूरी दे दी है। नौ मई को वाशिंगटन स्थित आईएमएफ मुख्यालय में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की इस बैठक में इसे मंजूर किया गया है। पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज देने का ऐलान किया गया है। आईएमएफ ने शुक्रवार को पाकिस्तान को मौजूदा विस्तारित निधि सुविधा के तहत करीब 1 अरब डॉलर यानी कि करीब 85 सौ करोड़ राशि तत्काल देने की मंजूरी दे दी है। ये रकम तत्काल मिलेगी।
इस पैकेज में एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत एक बिलियन डॉलर मिलेंगे। इस कर्ज का उद्देश्य पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जोखिमों को कम करना है। EFF के तहत अब तक पाकिस्तान को 2.1 बिलियन डॉलर की राशि दी जा चुकी है, जो सात बिलियन डॉलर के कुल पैकेज का हिस्सा है। आईएमएफ ने पाकिस्तान को दो लोन स्वीकृत कर दिए हैं। इसमें से 85 सौ करोड़ तत्काल दिए जाएंगे। ईएफएफ के अलावा रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) का 1.4 बिलियन डॉलर लोन भी मिलेगा। करीब 11 हजार करोड़ का यह दूसरा लोन किश्तों में दिया जाएगा। अगले 28 महीने तक किश्तों में यह रकम मिलेगा।
आईएमएफ ने वोटिंग के बाद यह फैसला किया है। भारत ने पाकिस्तान को देने वाले फंडिंग को लेकर आईएमएफ की वोटिंग से खुद को अलग रख लिया था।
कैसे मिलता है यह लोन और भारत ने 32 साल से क्यों नहीं लिया ?
IMF के सदस्य देशों की संख्या 191 है। इसकी स्थापना 1944 में 44 देशों ने की थी। आईएमएफ अपने सदस्य देशों को 1 ट्रिलियन डॉलर का लोन दे चुका है। इसकी स्थापना 1930 की महामंदी के बाद की गई थी। आईएमएफ सदस्य देशों को वित्तीय मदद देता है और जिम्मेदार खर्च सुनिश्चित करने के लिए सरकारों के साथ काम करता है। आईएमएफ कई तरह के लोन देता है। ये देशों की अलग-अलग जरूरतों और परिस्थितियों के हिसाब से दिए जाते हैं। आईएमएफ कम आय वाले देशों को भी शून्य ब्याज दर पर लोन देता है।
पाकिस्तान कई बार आईएमएफ से लोन ले चुका है, जबकि भारत ने 1993 से अब तक कभी भी इस संस्था से लोन नहीं लिया है। आईएमएफ से लोन लेने के लिए सबसे पहले सदस्य देश इसके लिए आवेदन करता है। इसके बाद देश की सरकार और आईएमएफ कर्मचारी आर्थिक और वित्तीय स्थिति और फंडिंग आवश्यकताओं पर चर्चा करते हैं। लोन देने के लिए आईएमएफ कई तरह की शर्तें लगाता है। अगर संबंधित देश इन शर्तों को मान लेता है तो फिर लोन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाता है।
कौन है सबसे बड़े कर्जदार ?
आईएमएफ के बड़े कर्जदार देशों में अर्जेंटीना, यूक्रेन, मिस्र, पाकिस्तान, इक्वाडोर, कोलम्बिया, अंगोला, केन्या और बांग्लादेश शामिल हैं। इस लिस्ट में सबसे ऊपर दक्षिण अमेरिकी देश अर्जेंटीना है। इस देश की इकोनॉमी कई साल से संकट में फंसी है। इस पर आईएमएफ का 40.9 बिलियन डॉलर का कर्ज है। कई साल से रूस के साथ लड़ाई में फंसे यूक्रेन पर 14.6 बिलियन डॉलर का कर्ज है। पाकिस्तान 8.3 बिलियन डॉलर के साथ चौथे नंबर पर है।
भारत ने क्यों की आपत्ति, वोटिंग से क्याें अनुपस्थित रहा भारत ?
भारत ने इस फंडिंग का कड़ा विरोध किया, लेकिन IMF की कार्यकारी बोर्ड की बैठक में मतदान के दौरान भारत अनुपस्थित रहा। इसका कारण IMF के नियम हैं, जो सदस्य देशों को “नो” वोट देने की अनुमति नहीं देते। देश या तो पक्ष में वोट कर सकते हैं या अनुपस्थित रह सकते हैं। भारत ने अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए अनुपस्थिति का रास्ता चुना।
भारत का आरोप है कि 1989 से पिछले 35 वर्षों में पाकिस्तान को IMF को बेलआउट पैकेज मिल चुके हैं। बेलआउट पैकेज यानी आर्थिक संकट से उबरने के लिए दिया कर्ज। पिछले पांच वर्षों में पाकिस्तान को चार पैकेज मिल चुके हैं। इसके बावजूद, पाकिस्तान में कोई ठोस आर्थिक सुधार नहीं हुआ। भारत कड़ाई से कहा कि यदि पिछले कार्यक्रम सफल होते, तो पाकिस्तान को बार-बार बेलआउट की आवश्यकता नहीं पड़ती। इसी के साथ भारत ने ये भी चिंता जताई कि IMF के फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए कर सकता है। भारत ने कहा कि ऐसी फंडिंग से वैश्विक समुदाय को गलत संदेश जाता है और यह अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का मजाक उड़ाता है। भारत ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सेना की गहरी दखलअंदाजी को भी उजागर किया, जिसके कारण पारदर्शिता और नागरिक नियंत्रण कमजोर होता है।
भारत की रणनीति और प्रयास
भारत ने IMF में अपनी आपत्तियों को मजबूती से उठाया और अन्य सदस्य देशों के बीच भी इस चिंता को गूंजने में सफलता हासिल की कि फंड का दुरुपयोग आतंकवाद के लिए हो सकता है। भारत ने पहले भी IMF से अनुरोध किया था कि ऐसी शर्तें लगाई जाएं कि फंड का उपयोग हथियारों की खरीद या आतंकवाद के लिए न हो। भारत की अनुपस्थिति को कुछ लोग रणनीतिक कदम के रूप में देखते हैं, क्योंकि यह भारत को अपनी आपत्ति दर्ज कराने का मौका देता है।