द लेंस डेस्क। भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में कई खूंखार आतंकवादियों को मार गिराया, जिनमें अब्दुल रऊफ अजहर भी शामिल है। अजहर ने 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल का अपहरण कर उनकी निर्मम हत्या की थी। पर्ल, जो पत्रकारिता में साहस और निष्ठा के प्रतीक थे, की हत्या ने विश्व भर में आक्रोश पैदा किया था।
इस कार्रवाई के बाद अमेरिका और विश्व भर के पत्रकारों व राजनयिकों ने भारत का आभार जताया। पूर्व अमेरिकी राजदूत जालमे खलीलजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान में क्रूर आतंकी अब्दुल रऊफ अजहर को ढेर कर डेनियल पर्ल की हत्या का न्याय किया। धन्यवाद, भारत।”
इसी तरह, पूर्व अमेरिकी राजनयिक एली कोहनिम ने भी भारत सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “डेनियल पर्ल के अंतिम शब्द, ‘मैं यहूदी हूं,’ यहूदी इतिहास में अमर रहेंगे।”
1999 कंधार अपहरण का मास्टरमाइंड रऊफ
अब्दुल रऊफ अजहर, 1999 के कंधार विमान अपहरण (IC-814) का मुख्य साजिशकर्ता था। जैश-ए-मोहम्मद के संस्थापक मौलाना मसूद अजहर का छोटा भाई रऊफ ने अपने भाई को भारतीय जेल से रिहा कराने के लिए हरकत-उल-मुजाहिदीन और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ मिलकर इस अपहरण की योजना बनाई। काठमांडू में उसने ऑपरेशन की रूपरेखा तैयार की और हाइजैकर्स, जिनमें उसका भाई इब्राहिम अतहर भी शामिल था, के साथ तालमेल बनाए रखा। रऊफ ने रणनीति बनाने और निर्देश देने में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद वह जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी हमलों में शामिल रहा और भारत में ‘मोस्ट वांटेड’ आतंकियों की सूची में रहा।
कौन थे डेनियल पर्ल
डेनियल पर्ल वॉल स्ट्रीट जर्नल के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख, का जन्म 1963 में न्यू जर्सी के एक यहूदी परिवार में हुआ था। स्टैनफोर्ड से पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पत्रकारिता में कदम रखा। हत्या से पहले वे कराची में अल कायदा और एक ब्रिटिश नागरिक के संबंधों की जांच कर रहे थे। उनकी मृत्यु ने विश्व भर में पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया था।