द लेंस डेस्क। pakistani stock market crash पाकिस्तान का शेयर बाजार पिछले कुछ हफ्तों से भारी उतार-चढ़ाव का गवाह बना हुआ है। कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100) में 22 अप्रैल के बाद से लगातार अस्थिरता देखी जा रही है, जब भारत के कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया। बुधवार, 8 मई को KSE-100 इंडेक्स में 6,482 अंकों की भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसने निवेशकों में दहशत फैला दी। हालांकि, 9 मई को बाजार ने हल्की राहत दिखाई, जब इंडेक्स 2,000 अंक चढ़कर 105,642 पर कारोबार करता देखा गया।
23 अप्रैल से शुरू हुआ नुकसान
पहलगाम हमले के अगले दिन, 23 अप्रैल को KSE-100 इंडेक्स 118,811 पर था। लेकिन भारत-पाकिस्तान सीमा पर बढ़ती सैन्य गतिविधियों और युद्ध जैसे हालात के बीच, 7 मई तक यह 112,055 तक लुढ़क गया, यानी करीब 6,756 अंकों का नुकसान। इस गिरावट ने पाकिस्तान की पहले से ही कमजोर अर्थव्यवस्था पर गहरी चोट की है।
8 मई को मची अफरा-तफरी
8 मई को कराची स्टॉक एक्सचेंज में भारी बिकवाली देखी गई। KSE-100 इंडेक्स दिन के अंत तक 6,482 अंक गिरकर 103,642 पर बंद हुआ। बाजार विश्लेषकों का मानना है कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और जवाबी कार्रवाइयों की खबरों ने निवेशकों का भरोसा डगमगा दिया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज ने लोअर सर्किट लागू किया, जिससे बिकवाली की रफ्तार पर कुछ हद तक रोक लगी।
9 मई को हल्की रिकवरी
शुक्रवार 9 मई को बाजार ने सुबह के सत्र में रिकवरी के संकेत दिए। KSE-100 इंडेक्स 2,000 अंकों की उछाल के साथ 105,642 तक पहुंचा। हालांकि, दिन के दौरान उतार-चढ़ाव जारी रहा, और विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार अभी भी अस्थिर है। कुछ निवेशक इसे खरीदारी का मौका मान रहे हैं, जबकि कई लोग अनिश्चितता के कारण सतर्क हैं।
pakistani stock market crash: तनाव का आर्थिक असर
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया है। भारत द्वारा PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। इस माहौल ने पाकिस्तान के आर्थिक परिदृश्य को और जटिल बना दिया है। विदेशी निवेशक पूंजी निकालने में जुटे हैं, जिससे KSE-100 पर दबाव बढ़ रहा है।
निवेशकों में बेचैनी
pakistani stock market crash: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही मुद्रास्फीति, कर्ज, और ऊर्जा संकट से जूझ रही है। शेयर बाजार की अस्थिरता ने निवेशकों के बीच चिंता को और गहरा कर दिया है। एक स्थानीय ब्रोकर ने बताया, “बाजार में कोई भरोसा नहीं बचा। हर कोई डर के मारे अपनी पूंजी बचाने की कोशिश कर रहा है।” विशेषज्ञों का मानना है कि अगर तनाव जल्द कम नहीं हुआ, तो बाजार में और गिरावट देखी जा सकती है।