भारतीय विदेश विभाग ने पाकिस्तान को एक बार फिर बेनकाब किया है कि वह किस तरह नागरिक एयरस्पेस को ढाल बनाकर अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स के लिए जोखिम पैदा कर रहा है। उसकी इस कायराना हरकत का संज्ञान अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को लेना चाहिए। यही नहीं, पाकिस्तान लगातार जम्मू-कश्मीर और पंजाब से सटे इलाकों में संघर्ष विराम समझौते का भी लगातार उल्लंघन कर नागरिक ठिकानों पर गोलाबारी कर रहा है। यह बताने की जरूरत नहीं कि भारतीय सेना अपने नागरिकों के साथ ही अपनी सरहदों की सुरक्षा करने में पूरी तरह से सक्षम है और जैसा कि बीती रात उसने भारत के एयर स्पेस में सेंध लगाने के लिए आए पाकिस्तान के करीब चार सौ ड्रोन को गिराकर यह साबित भी कर दिया है। पाकिस्तान की आतंकी नीतियों के बारे में अब कुछ भी नहीं छिपा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई भारतीय कार्रवाई में मारे गए आतंकवादियों के जनाजे में पाकिस्तानी फौज के अधिकारियों की मौजूदगी इसका ताजा प्रमाण है। याद किया जा सकता है कि किस तरह 9/11 के आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को एक अंतरराष्ट्रीय लड़ाई में बदल दिया था। यह भी याद किया जा सकता है कि अमेरिका को इस हमले का सरगना लादेन पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों से ही मिला था! दरअसल समय आ गया है, जब पाकिस्तान को उसकी आतंकी नीतियों के कारण कूटनीतिक रूप से पूरी तरह से अलग-थलग कर दिया जाए