दिल्ली। भारत सरकार ने प्रतिबंधात्मक उपयोग के तहत कई सोशल मीडिया हैंडल और वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है। राजनीति, अर्थशास्त्र से लेकर कला, संस्कृति और साहित्य तक गंभीर पत्रकारिता, जाने–माने पत्रकारों, बुद्धिजीवियों के आलेखों और व्यवस्था विरोधी पत्रकारिक तेवर के लिए चर्चित ‘द वायर’ की अंग्रेजी वेबसाइट The Wire को ब्लॉक कर दिया गया है। इसके अलावा एक्स के अपने हैंडल “एक्स ग्लोबल” को भी ब्लॉक करने की सूचना मिली है।
द वायर के संस्थापक संपादक और वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन ने द लेंस से पुष्टि करी है कि बिना किसी चेतावनी के उनकी वेबसाइट ब्लॉक कर दी गई है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने बयान जारी कर इसे देश में स्वतंत्र प्रेस के हितों के खिलाफ एक गंभीर कार्रवाई बताया है।
द वायर ने कहा हम प्रतिबंध को देंगे चुनौती

अपने पाठकों को पत्र जारी करते हुए द वायर ने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा है कि यह दुखद है कि हमारी समाचार वेबसाइट को आई टी एक्ट 2000 का हवाला देते हुए सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा प्रतिबंधित कर दिया गया है। हम भारत के लिए ऐसे महत्वपूर्ण समय में इस घोर सेंसरशिप का विरोध करते हैं, जब विवेकपूर्ण, सत्यनिष्ठ, निष्पक्ष और तर्कसंगत आवाजें तथा समाचार और सूचना के स्रोत भारत की सबसे बड़ी संपत्तियों में से हैं। हम इस मनमाने और बेवजह कदम को चुनौती देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। आपके समर्थन ने पिछले 10 वर्षों से हमारे काम को जारी रखा है और हम इस समय हम सभी के एक साथ खड़े होने पर भरोसा करते हैं।
तमाम विदेशी साइट्स और हैंडअल्स ब्लॉक
प्रतिबंध की यह कार्रवाई कई सोशल मीडिया हैंडलस पर भी की गई है। दुनिया भर की प्प्रमुख खबरों को प्रसारित करने वाले सोशल मीडिया हैंडल एक्स ग्लोबल को ब्लॉक कर दिया गया है। भारत में इंस्टाग्राम उपयोगकर्ताओं ने @Muslim नामक हैंडल से पोस्ट तक पहुंचने का प्रयास किया, जिसके 6.7 मिलियन फॉलोअर्स हैं। उन्हें यह संदेश मिला, “यह अकाउंट भारत में उपलब्ध नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने इस सामग्री को प्रतिबंधित करने के कानूनी अनुरोध का अनुपालन किया है।”
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने कार्रवाई की निंदा की
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वूमेन प्रेस कॉर्प, प्रेस एसोसिएशन और दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट ने स्वतंत्र समाचार मीडिया जैसे द वायर के खिलाफ सरकार की किसी भी कार्रवाई पर गहरी चिंता व्यक्त की है। प्रेस संगठनों ने साझा बयान में कहा है कि यह प्रतिबंध चिंताजनक है क्योंकि यह 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पत्रकारों के खिलाफ की गई कार्रवाइयों के बाद आया है, जिसकी भारतीय प्रेस ने एकमत होकर निंदा की थी। फिर भी मीडिया के कुछ वर्गों और कुछ यूट्यूब समाचार चैनलों को अनुचित रूप से निशाना बनाया गया है।
स्वतंत्र मीडिया संगठन मकतूब मीडिया का एक्स अकाउंट भारत में “कानूनी मांग” के आधार पर रोक दिया गया है, साथ ही कश्मीर आधारित समाचार संगठनों और वरिष्ठ पत्रकारों जैसे अनुराधा भसीन और मुजम्मिल जलील के अकाउंट्स भी ब्लॉक किए गए हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद, कश्मीर के पत्रकार हिलाल मीर को कथित तौर पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के लिए हिरासत में लिया गया था।
बीबीसी उर्दू का एक्स अकाउंट भी भारत में रोक दिया गया है। समाचार रिपोर्टों के अनुसार, भारत सरकार ने 8,000 एक्स अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किए हैं। कानूनी प्रतिबंधों के कारण एक्स को इन आदेशों का विवरण साझा करने की अनुमति नहीं दी गई है, जो पारदर्शिता और जवाबदेही के खिलाफ है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने सरकार से आग्रह किया है कि वह अपनी कार्रवाइयों में पारदर्शिता बरते और पत्रकारों व समाचार संगठनों को बिना किसी प्रतिबंध के अपना काम करने की अनुमति दें।