वेटिकन सिटी। सिस्टीन चैपल की चिमनी से उठा काला धुआं 7 मई को दुनिया भर के कैथोलिक समुदाय के लिए चर्चा का केंद्र बन गया। यह काला धुआं संकेत देता है कि कार्डिनल्स ने नए पोप के लिए पहले मतदान (POPE ELECTION) में कोई सहमति नहीं बनाई। पोप फ्रांसिस के 21 अप्रैल को निधन के बाद शुरू हुए इस कॉन्क्लेव में 133 कार्डिनल्स हिस्सा ले रहे हैं जो वैश्विक कैथोलिक चर्च के भविष्य को आकार देने के लिए एकत्र हुए हैं।
कॉन्क्लेव की शुरुआत और प्रक्रिया
7 मई को सिस्टीन चैपल में कार्डिनल्स ने गोपनीयता की शपथ लेकर कॉन्क्लेव शुरू किया। इस प्रक्रिया में 70 देशों के कार्डिनल्स शामिल हैं, नया पोप चुनने के लिए दो-तिहाई बहुमत यानी 89 वोट चाहिए। पहले दिन केवल एक मतदान हुआ और परिणामस्वरूप काला धुआं निकला,यह धुंआ दर्शाता है कि कोई भी उम्मीदवार बहुमत हासिल नहीं कर सका।
इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि पहले दिन असफलता कोई आश्चर्य की बात नहीं है। इतिहास बताता है कि आधुनिक कॉन्क्लेव में पहले मतदान में पोप का चुनाव दुर्लभ है। आज 8 मई से कार्डिनल्स हर दिन चार बार मतदान करेंगे, दो सुबह और दो शाम को। अगर तीन दिन तक कोई नतीजा नहीं निकला तो फिर 24 घंटे का विराम लिया जाएगा।
काला और सफेद धुआं है परंपरा का प्रतीक
कॉन्क्लेव की हर मतदान प्रक्रिया के बाद मतपत्रों को जलाया जाता है। अगर कोई पोप नहीं चुना जाता तो रसायनों के मिश्रण से काला धुआं बनता है। वहीं पोप के चुनाव पर सफेद धुआं और सेंट पीटर बेसिलिका की घंटियों की आवाज इसकी घोषणा करती है। बुधवार को काला धुआं दिखने में लगभग तीन घंटे लगे जिसने सेंट पीटर स्क्वायर में इकट्ठा हुए हजारों लोगों को इंतजार में रखा।
कॉन्क्लेव की खासियत
इस बार का कॉन्क्लेव 2013 की तुलना में बड़ा है उस साल 115 कार्डिनल्स शामिल थे जबकि 2025 में 133 कार्डिनल्स हिस्सा ले रहें हैं, पोप फ्रांसिस ने अपने कार्यकाल में वैश्विक स्तर पर चर्च का विस्तार किया जिसका प्रभाव इस कॉन्क्लेव में दिख रहा है। कार्डिनल्स को वेटिकन के डोमस सैंक्टे मार्थे में ठहराया गया है इस दौरान वे बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग हैं। मोबाइल फोन, इंटरनेट या किसी भी संचार माध्यम का उपयोग सख्त वर्जित है।
दुनिया की नजरें अगले संकेत पर
सेंट पीटर स्क्वायर में मौजूद लोग और दुनिया भर में टीवी स्क्रीन पर नजरें गड़ाए कैथोलिक समुदाय अब अगले धुएं का इंतजार कर रहे हैं। जानकारों का अनुमान है कि इस हफ्ते के आखिर तक नया पोप चुन लिया जाएगा क्योंकि हाल के कॉन्क्लेव आमतौर पर दो से तीन दिन में नतीजा दे देते हैं। कॉन्क्लेव की गोपनीयता ऐसी है कि कार्डिनल्स अपने मतदान के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं कर सकते। यह प्रक्रिया न केवल कैथोलिक चर्च के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर आध्यात्मिक और सामाजिक प्रभाव रखती है। अगला पोप कैथोलिक चर्च का 267वां नेता होगा वैश्विक चुनौतियों के बीच चर्च को नई दिशा देगा।